New ministry in Gujarat: गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपनी कैबिनेट में 24 मंत्रियों को शामिल किया है, जिसमें से 10 विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. बड़ी बात यह है कि वर्तमान कैबिनेट में कोई भी मंत्री पुराना नहीं है. यहां तक की इस कैबिनेट में कोई उप मुख्यमंत्री का पद भी नहीं है. रूपाणी के नेतृत्व वाली सरकार में नितिन पटेल उपमुख्यमंत्री का पद संभाल रहे थे. बीजेपी ने नई सरकार के गठन का फैसला अगले साल दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र लिया है.
पहले कैबिनेट को समझिए
- राज्य में 10 कैबिनेट मंत्रियों और 14 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली.
- इनमें 5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री भी शामिल हैं.
- कैबिनेट में दो महिलाओं को भी शामिल किया गया है.
- सीएम भूपेंद्र पटेल को मिलाकर कैबिनेट की संख्या 25 हो गई है.
- नई सरकार में 21 सदस्य पहली बार मंत्री बने हैं.
- सीएम भूपेंद्र पटेल पहली बार विधायक निर्वाचित हुए हैं.
जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश
कैबिनेट के गठन में पार्टी ने जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश की है. पटेल को मुख्यमंत्री बनाए जाने को, चुनाव से पहले पाटीदार समुदाय को साधने के बीजेपी के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. राज्य में दो दशकों से बीजेपी का शासन हैं. साल 1960 में राज्य के गठन के बाद से मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले पटेल पाटीदार समुदाय के पांचवें नेता हैं. यह राज्य के प्रभावशाली पाटीदार समुदाय के दबदबे को दर्शाता है.
किस जाति समुदाय से कितने नेता बने मंत्री?
- पाटीदार समुदाय से- मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल
- पटेल समाज से कितने मंत्री- 6
- ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) से कितने मंत्री- 6
- अनुसूचित जाति से- 4
- अनुसूचित जनजाति से- 3
- ब्राह्मण और क्षत्रिय से- 2-2
- जैन समुदाय से- 1
कैबिनेट का क्षेत्रीय समीकरण
- सौराष्ट्र क्षेत्र से- 7 मंत्री
- दक्षिण गुजरात से- 6 मंत्री
- अहमदाबाद से- 3 मंत्री
- उत्तरी गुजरात से- 3 मंत्री
- और मध्य गुजरात से- 5 मंत्री
अब कैबिनेट मंत्रियों के बारे में जानिए
- राजेन्द्र त्रिवेदी- पूर्ववर्ती विजय रूपाणी सरकार में खेल, युवा और सांस्कृति गतिविधि और तीर्थ संबंधी विभाग के राज्य मंत्री थे और 2018 में उन्हें गुजरातत विधानसभा का स्पीकर मनोनित किया गया था.
- जीतू वाघानी- पिछले साल तक गुजरात प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष थे और उनका स्थान सीआर पाटिल ने लिया. साल 2007 में चुनावी राजनीति की शुरूआत करने वाले वाघानी को भावनगर पश्चिम सीट पर कांग्रेस के वरिष्ष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल ने हरा दिया था. साल 2012 में उन्होंने इस सीट पर जीत दर्ज की और साल 2017 में भी अपना कब्जा बनाये रखा.
- ऋृषिकेश पटेल मेहसाणा- विसनगर सीट से विधायक हैं. वे मेहसाणा में एपीएमसी के अध्यक्ष हैं और उन्होंने मेहसाणा जिला बीजेपी अध्यक्ष के रूप में काम किया है.
- पूर्णेश मोदी- साल 2013 में सूरत पश्चिम सीट पर उपचुनाव में जीत दर्ज की थी और साल 2017 में भी इस सीट पर कब्जा बनाये रखा. पूर्णेश मोदी ने ‘मोदी’ उपनाम पर टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था.
- राघवजी पटेल- पहले कांग्रेस में थे और उन्होंने 2019 का उपचुनाव जामनगर ग्रामीण सीट से जीता था. वे 2018 में राज्यसभा चुनाव के समय बीजेपी में शामिल हो गए थे, हालांकि उनके वोट को चुनाव आयोग ने अमान्य करार दिया था, जिससे अहमद पटेल (दिवंगत) को जीत हासिल हो सकी.
- किरीट सिंह राणा- लिम्बडी सीट से विधायक हैं और वे बीजेपी की दो सरकारों में मंत्री रहे थे.
- नरेश पटेल- नवसारी सीट से विधायक हैं जो अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित है. वे पहली बार विधायक बने हैं.
- प्रदीप परमार- अहमदाबाद के असार्वा सीट सुरक्षित सीट से विधायक हैं. वे पहली बार विधायक हैं और बूथ स्तर से काम करके यहां पहुंचे हैं.
- अर्जुन सिंह चौहान- माहेमदाबा सीट से विधायक हैं और भूपेंद्र पटेल सरकार में युवा चेहरों में एक हैं.
- कानु देसाई- वलसाड जिले के पारदी सीट से विधायक हैं. वे दो बार विधायक चुने गए हैं.
स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री
- हर्ष सांघवी
- जगदीश पांचाल
- बृजेश मेरजा
- जीतू चौधरी
- और मनीषा वकील
राज्य मंत्री
- मुकेश पटेल
- निमिषा सुथार
- अरविंद रैयानी
- कुबेर डिंडोर
- कीर्तिसिंह वाघेला
- गजेंद्रसिंह परमार
- आर.सी. मकवाना
- विनोद मोरडिया
- और देवा मालम
BJP ने कैबिनेट गठन में अपनाया ‘न दोहराने का फार्मूला’
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी कैबिनेट के नए स्वरूप से महत्वपूर्ण प्रभाव छोड़ना चाहती है और पार्टी मतदाताओं का सामना साफ सुथरे चेहरों से करना चाहती है. विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ‘‘न दोहराने का फार्मूला’’ अपनाती रही है और इसके तहत बड़ी संख्या में विधायकों के टिकट काटे जाते हैं. हालांकि बीजेपी ने इस बार यह फार्मूला कैबिनेट के गठन में अपनाया है.
किस कैबिनेट मंत्री को कौनसा मंत्रालय मिला?
- राजेंद्र त्रिवेदी- राजस्व, कानून और न्याय और संसदीय कार्य विभाग
- जीतूभाई वघानी- शिक्षा मंत्री
- ऋषिकेश पटेल- स्वास्थ्य-परिवार कल्याण, मेडिकल शिक्षा विभाग, जल संसाधन व जलापूर्ति विभाग
- पूर्णेश मोदी- सड़क और भवन, परिवहन, नागर विमानन, पर्यटन, तीर्थयात्रा विभाग
- राघवजी पटेल- कृषि और पशुपालन विभाग
- किरीतसिंह राणा- वन, पर्यावरण, जलवायु परविर्तन और प्रिंटिग और स्टेशनरी विभाग
- नरेश पटेल- जनजातीय विकास और खाद्य और आपूर्ति विभाग
- प्रदीप परमार- सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्री
- अर्जुनसिंह चौहान- ग्रामीण विकास और ग्रामीण आवास
- कनुभाई देसाई- वित्त और ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स विभाग
कैबिनेट में शामिल महिलाओं को क्या मिला?
- मनीषाबेन वकील- महिला और बाल विकास विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है. वह सामाजिक न्याय और आधिकारिता विभाग की कनिष्ठ मंत्री भी होंगी.
- निमिशा सुतार- जनजाति विकास, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और मेडिकल शिक्षा विभागों का कनिष्ठ मंत्री बनाया गया है.
सीएम भूपेंद्र ने गृह सहित कई विभाग अपने पास रखे
सीएम भूरेंद्र पटेल ने गृह सहित कई विभाग अपने पास ही रखे हैं. इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग, सूचना और प्रसारण, उद्योग, खान और खनिज, कैपिटल प्रोजेक्ट्स, शहरी विकास, शहरी आवास और नर्मदा और बंदरगाह विभाग का प्रभार भी अपने पास रखेंगे.