नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी वारदात के खिलाफ आखिरी प्रहार के लिए तैयारी कर ली गई है. भारत को आंसू देने वाले आतंकी संगठनों और उनके आकाओं को सबक सिखाने के लिए सेना तैयार है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी पूरे मामले पर निगाह रख रहे हैं. तैयारी इस बात की है कि दम तोड़ते आतंकी की आखिरी चाल को चार प्रहारों से नाकामयाब किया जाए.


गृहमंत्री शाह ने की समीक्षा बैठक,  CRPF के DG को कश्मीर भेजा- सूत्र
समोवार को ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में सुरक्षा के हालात की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों के महानिदेशक और खुफिया विभाग व गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. इसी के बाद आतंक पर चौतरफा प्रहार करने की तैयारी की गई. जिसके तहत स्पेशल टीम कश्मीर पहुंच भी गई है. 


गृहमंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक CRPF के DG कुलदीप सिंह को जम्मू कश्मीर भेजा गया है. सिर्फ इतना ही नहीं जम्मू कश्मीर में IB, NIA, सेना, CRPF के सीनियर अधिकारी इस समय कैम्प कर रहे हैं. जो हर एक इंटेलिजेंस इनपुट्स को मॉनिटर कर रहे हैं ताकि आतंकियों के इस नई साजिश को तत्काल खत्म किया जाए. 


कौन हैं कुलदीप सिंह?
जम्मू-कश्मीर में आतंक के खात्मे के लिए भेजे गए कुलदीप सिंह नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी के डीजी भी हैं. ये वही कुलदीप सिंह हैं जो ताल ठोंक कह चुके है कि आतंकी कुछ भी कर लें लेकिन 5 अगस्त 2019 से पहले के हालात आतंकी वापिस वहीं ला सकेंगे. ये वही NIA है जो आतंकियों की तलाश में ताबड़तोड़ छापे मार रही है. इतनी की जिसकी दशहत महबूबा मुफ्ती के बयान में सुनाई दी थी.  


IB भी चौकन्नी, नए आतंकी समूह को लेकर मिला अलर्ट
कश्मीर में जिस तरह आतंकियों ने वारदात की उससे सबसे ज्यादा सवाल खुफिया इनपुट पर ही उठ रहे थे. अब कल IB को पूरी तरह काम पर लगा दिया गया है. कश्मीर पहुंचे अधिकारी हर एक इंटेलिजेंस इनपुट्स को मॉनिटर कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक आतंकी बौखलाहट में टारगेटेड किलिंग कर रहे हैं. 
 
सूत्रों के मुताबिक खुफिया विभाग ने कश्मीर में एक और हाई अलर्ट जारी किया गया है, एक नए आतंकवादी समूह  “हरकत 313” को जल विद्युत संयंत्रों उरी- I और उरी- II के सहित सरकारी बुनियादी ढांचे पर हमले शुरू करने का काम सौंपा गया है, ख़ुफ़िया इनपुट के अनुसार, आतंकवादियों के अनंतनाग में इमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप को निशाना बनाने की आशंका है. 


एक बार फिर ऑपरेशन ऑलआउट की तैयारी में सेना
पहले तीन चरण मिल कर सेना के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं. पाकिस्तान आतंक के जितने नए माड्यूल तैयार कर रहा है, सुरक्षा एजेंसियां उन्हें उतनी ही ताकत से तबाह करने में भी जुटी है. मेंढर में जंगलों में छिपी आतंकियों की एक टोली को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सेना का ऑपरेशन नौ दिनों से जारी है. आतंक के संपूर्ण नाश का ब्लूप्रिंट तैयार है. सेना पूरी तरह से एक्शन में जुटी है. आतंक चाहे जितने नाम बदले, आतंकी चाहे जितना छिपें, पाकिस्तान चाहे जितनी साजिशें करे लेकिन आतंक का समूल नाश करने के लिए सेना तैयार है. 


घाटी में बन रहे नए संगठन, आतंकी छोटे हथियारों का कर रहे इस्तेमाल
कश्मीर में पाकिस्तान की नई साजिश के सबूत दिखने शुरू हो गए हैं. सिर्फ अक्टूबर की बात करें तो एकनकाउंटर अब तक हुए हैं 13 जबकि इस दौरान 14 आतंकियों को ढेर किया गया है.  इस दौरान 9 जवान शहीद हुए हैं, जबकि 11 नागरिकों की हत्या हुई है.  आतंकी अब नए संगठनों के जरिए नई रणनीति पर काम कर रहे हैं. तीन नए संगठनों के नाम सामने आ चुके हैं. जैसे, TRF यानी द रजिस्टेंस फ्रंट जो गरीब मजबूरों की हत्या कर रही है.


ऐसा ही एक और संगठन ULF यानी  यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट है, जबकि तीसरा नया आतंकी संगठन है 'हरकत 313'. इसे विकास कार्यों पर हमला करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.


सिर्फ इतना ही नहीं आतंक फैलाने के लिए अब एके 47 की जगह छोटी पिस्टल इस्तेमाल हो रही हैं क्योंकि इन्हें छिपाना आसान है. इस साल सितंबर तक 126 पिस्टल पकड़ी गई हैं. पिछले साल 163 पिस्टल पकड़ी गई थीं जबकि 2019 में सिर्फ 48 पिस्टल पकड़ी गई थीं जबकि 2018 में 27 पिस्टल पकड़ी गई थीं. यानी जैसे-जैसे सुरक्षा बलों ने पकड़ मजबूत की वैसे-वैसे आतंकियों के हाथों में पिस्टल पकड़ाई जा रही हैं.