बेंगलुरु: कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन रवि पूजारी को साउथ अफ्रीका से गिरफ्तार कर भारत लाया गया है. रवि पुजारी को कर्नाटक के एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अमर कुमार और उनकी टीम ने गिरफ्तार किया है. एडीजीपी लॉ एंड र्डर अमर कुमार पांडे ने बताया कि उनकी टीम ने रवि पुजारी को कैसे पकड़ा. पांडे ने बताया कि हम पिछले 20 महीनों से पुजारी को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने सुराग की मदद और प्लान बनाकर पुजारी को पकड़ा.
एडीजीपी अमर कुमार पांडे ने बताया, "मुझे नहीं पता था कि अंडरवर्ल्ड डॉन रवि पुजारी कैसा दिखता है. यह किसी भूत का पीछा करने जैसा था. पुजारी दो दशकों से अधिक समय से पुलिस की गिरफ्त से फरार चल रहा था. पुलिस के पास उसकी उपलब्ध आखिरी तस्वीर 1994 की थी. हालांकि इंटरनेट पर भी उसकी कुछ तस्वीरें उपलब्ध थी. जिनमें से उसकी एक फोटो स्विमिंग पूल की थी. मैंने पुजारी के बारे में इंटरनेट और बाकी जगहों से जानकारी को इकट्ठा की और उसकी तलाश शुरू कर दी. छानबीन के दौरान मुझे पता चला कि पुजारी वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) का इस्तेमाल करके लोगों से जबरन वसूली कर रहा है.''
आगे उन्होंने कहा, ''प्रारंभिक जांच से पता चला कि रवि पुजारी अलग-अलग देशों की सिम का उपयोग करके कॉल कर रहा था. वह एक ही नंबर से दोबारा कॉल नहीं करता था. दिसंबर 2018 में एक इनपुट मिला कि रवि पुजारी को बुर्किना फासो में पकड़ा जा सकता है लेकिन जब तक पुलिस उसके पास पहुंचती वह फरार हो चुका था. इस दौरान पुजारी की कॉल डिटेल्स पुलिस ने निकाली जहां से वह जबरन वसूली कर रहा था. यह हमारा पहला मजबूत सुराग था. मुझे यकीन था कि वह अफ्रीका में है. मैंने विदेश मंत्रालय के माध्यम से प्रयास करना शुरू कर दिया और भारतीय दूतावासों तक पहुंच गया और उनके माध्यम से स्थानीय एजेंसियों जहां मुझे संदेह था कि पुजारी छिप सकता है वहां तलाश शुरू की. सेनेगल में मुझे दूसरा इनपुट मिला. हमारे इनपुट के आधार पर सेनेगल पुलिस ने पुजारी को 19 जनवरी 2019 को एक सैलून से गिरफ्तार किया.''
एडीजीपी अमर कुमार पांडे ने बताया, ''गिरफ्तारी के बाद से ही डॉन सेनेगल में न्यायिक हिरासत में था. प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में समय लगा क्योंकि पुजारी को कोर्ट में अपील करने का अधिकार था. 19 फरवरी को सेनेगल के सुप्रीम कोर्ट ने उनकी प्रत्यर्पण याचिका को खारिज कर दिया. 18 फरवरी की आधी रात को हम पुजारी को वापस लाने के लिए सेनेगल के रास्ते पर उड़ान भर चुके थे. इसके बाद 23 फरवरी की आधी रात को क्रॉस-कॉन्टिनेंट ऑपरेशन के तहत पुजारी को बेंगलुरु लाया गया.''
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