JNU मामले में दिल्ली पुलिस ने एबीवीपी समर्थित अज्ञात छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323/341/509/506/34 लगाई गई हैं. ये शिकायत जेएनयू छात्रसंघ के सदस्यों द्वारा पुलिस को दी गई थी, जिसमें एसएफआई, डीएसएफ और एआईएसए समर्थित छात्र शामिल हैं. पुलिस का ये भी कहना है कि एबीवीपी के छात्रों ने भी आज सुबह शिकायत देने की बात कही है.


क्या है पूरा मामला?


बता दें कि जेएनयू में छात्रों के दो गुटों के बीच खाने को लेकर विवाद हो गया. इस विवाद में एबीवीपी और लेफ्ट के छात्र एक दूसरे के आमने सामने आ गए और दोनों के बीच मारपीट भी हुई. एबीवीपी संगठन के छात्रों का कहना है कि लेफ्ट के छात्रों को रामनवमी का प्रोग्राम देखा नहीं गया और रामनवमी और इफ्तार पार्टी का समन्वय बिगाड़ने के लिए वामपंथियों ने हमला किया. वहीं दूसरी ओर लेफ्ट छात्रों का कहना है कि एबीवीपी की डिमांड थी कि मेस में सिर्फ वेज खाना बने और इसीलिए पत्थर चलाया गया जिससे मेस का शीशा टूट गया, छात्र घायल हो गए. 


इस घटना पर एबीवीपी के जेएनयू के अध्यक्ष रोहित कुमार का कहना है कि ये विवाद बनाया गया है. पूजा 3:30 बजे थी लेकिन इनके विरोध के कारण शाम 5:30 बजे शुरू हुई. और फिर 8:30 बजे लेफ्ट का हुजूम आता है. पत्थरबाजी करता है. इसमें हमारे कई छात्र घायल हुए. एक भी हमला करने वालों में कावेरी का नहीं था. जहां तक वेंडर को धमकाने की बात है उस पर एबीवीपी के जेएनयू के अध्यक्ष ने कहा कि जेएनयू में इफ्तार पार्टी में कभी चिकन नहीं बना है. कस्टर्ड, मिठाई, फल खिलाए जाते हैं. जब मुसलमानों को दिक्कत नहीं, हिंदुओं को दिक्कत नहीं तो तीसरा लेफ्टिस्ट क्यों आते हैं कंमुनल हारमोनी डिस्टर्ब करने. चिकन बनना मेस सेक्रेटरी तय करता है. ये सिर्फ एबीवीपी का नाम लेकर जेएनयू को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है. एबीवीपी से जुड़े कुछ दूसरे छात्रों का कहना है कि हिन्दू मुस्लिम का एंगल देने के लिए ऐसा किया गया है. 


वहीं दूसरी ओर जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष एन साई बाला जी का कहना है कि हमारे साथ मारपीट की गयी, हमें मारा गया है. ये सारी घटना SHO के सामने हुई ,लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. जिसको जो खाना है खाएगा. देश में कब किसी को रामनवमी पर मीट खाने से रोका गया जिसको खाना है खाएंगे. आप मत खाइए. हम पर मत थोपिए. वहीं लेफ्ट विंग से जुड़े छात्र ओसामा और रागिव जो कावेरी हॉस्टल में रहते हैं इनका दावा है कि पहले वेंडर चिकन लेके आता है. फिर एबीवीपी के द्वारा उसे घमकाया जाता है. कावेरी हस्टल के गेट को बंद कर दिया जाता है. उसके बाद सारी घटना है. मारपीट में हमारे कई छात्र घायल हुए. कावेरी हॉस्टल फिजिकली हैंडीकैप्ड हॉस्टल है. 


थाने का किया गया घेराव


विवाद आगे बढ़ने पर लेफ्ट विंग के छात्रों ने वसंत कुंज थाने का घेराव किया. छात्रों ने आरोप लगाया कि जब घटना हुई तब पुलिस वहीं मौजूद थी उन्होंने कुछ नहीं किया. अब एफआईआर दर्ज करवाने के लिए वो वसंत कुंज थाने का घेराव कर रहें. लेफ्ट से करीब 200 से 250 छात्रों ने वसंत कुंज थाने का घेराव किया. थाने के सामने नारे लगाए और ढपली पीटी. देर रात में एसीपी से आश्वासन के बाद सभी छात्र वापस लौट गए हैं. जेएनयू स्टूडेंट यूनियन की मेंबर अपेक्षा प्रियदर्शनी ने बताया कि एसीपी की तरफ से पूरा आश्वासन मिला है कि जल्द ही एफआईआर दर्ज होगी. 


इससे पहले जेएनयू गेट पर इस घटना के विरोध में एबीवीपी के छात्रों ने नारेबाजी की, विरोध जताया. उन्होंने कहा कि रात के अंधेरे में पत्थर बरसाना, लान में इक्ट्ठा होना कहां तक सही है. जेएनयू में इनकी (लेफ्ट की) जमीन खिसक गयी है. वहीं कावेरी हॉस्टल के छात्र राहुल कुमार नाम ने बताया कि ये सिर्फ प्रोपेगैंडा है. ये सिर्फ नैरेटिव है, एवीबीपी को बदनाम करने के लिए है. प्रौपेगैंडा रचा गया है. इस घटना से जुडे कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.  वीडियो में दोनो संगठन से जुड़े छात्र एक दूसरे पर मारपीट का आरोप लगा रहे हैं. 


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