(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Explainer: भारत में कितने शरणार्थी रहते हैं? इन दो देशों के सबसे ज्यादा हैं लोग
कई लोग दूसरे देशों में खुद को सुरक्षित रखने का जरिया ढूंढते हैं. वो सीमा पार करके दूसरे देशों में पहुंच जाते हैं. अब सवाल उठता है ऐसे लोगों की भारत में कितनी संख्या है.
रिफ्यूजी यानी वो लोग जो अपने देश के बुरे हालात, जंग, राजनैतिक उठापटक से उपजे डर के कारण किसी दूसरे देश में शरण ले लें, जहां की नागरिकता उन्हें हासिल ना हो और उसी डर के चलते अपने वास्तविक देश जाने की इच्छा ना रखते हों. कई लोग दूसरे देशों में खुद को सुरक्षित रखने का जरिया ढूंढते हैं. वो सीमा पार करके दूसरे देशों में पहुंच जाते हैं. अब सवाल उठता है ऐसे लोगों की भारत में कितनी संख्या है. भारत में अन्य देशों में कितने नागरिक शरण लिए हुए हैं. तो इसका जवाब है 46 हजार.
UNHCR के मुताबिक, 31 जनवरी 2022 तक, 46,000 से अधिक शरणार्थी और शरण चाहने वाले UNHCR भारत के साथ पंजीकृत हैं. इसमें मुख्यतः म्यांमार और अफगानिस्तान से हैं. भारत में शरणार्थी और शरण चाहने वाले मुख्य रूप से शहरी इलाकों में रहते हैं. 46% शरणार्थी महिलाएं और लड़कियां हैं और 36% बच्चे हैं. भारत दशकों से विभिन्न शरणार्थी ग्रुप्स की मेजबानी कर रहा है और कई जबरन विस्थापित लोगों के लिए समाधान ढूंढा है. UNHCR 11 राज्यों में शरणार्थियों की सहायता करने के लिए सरकार के प्रयासों का समर्थन करता है. वह विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर काम करता है, जिसमें गैर सरकारी संगठन शामिल हैं.
2002 से फरवरी 2022 तक 17,933 श्रीलंकाई शरणार्थी यूएनएचसीआर की सहायता से स्वेच्छा से लौट चुके हैं. भारत अनादि काल से शरणार्थियों और शरण चाहने वालों के लिए एक उदार मेजबान बना हुआ है और देश में कई शरणार्थी समुदाय पनपे हैं. भारत में बड़ी संख्या में शरणार्थियों की मेजबानी करने की एक लंबी परंपरा रही है. भारत एक विश्वसनीय भागीदार है, यह गारंटी देता है कि जिन लोगों को मदद की ज़रूरत है उन्हें जगह और सुरक्षा मिलेगी.
UNHCR भारत में शरणार्थियों और शरण चाहने वालों की सुरक्षा के लिए 1981 से काम कर रहा है. भारत सरकार के प्रयासों के समर्थन से UNHCR भारत के 11 राज्यों में स्थित गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, नीति आयोग, NGO भागीदारों के साथ काम करता है. हाल ही में पड़ोसी देशों में हिंसा और अस्थिरता के कारण पंजीकरण और सहायता के लिए यूएनएचसीआर भारत में शरण चाहने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है.
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