Explainer: जानिए Omicron के BA.4 और BA.5 सब-वेरिएंट्स हैं कितने खतरनाक, क्या बूस्टर डोज से मिलेगी राहत?
कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के बीए.4 सब-वैरिएंट के तीन और बीए.5 सब-वैरिएंट के नए मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. एक्सपर्ट्स पहले ही जून में चौथी लहर आने की चेतावनी दे चुके हैं.
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Omicron Variants: भारत समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के कई वेरिएंट्स के आने से संक्रमण का खतरा अभी भी बरकरार है. एक्सपर्ट कोरोना संक्रमण से बचने के लिए कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लेने की सलाह देते हैं. भारत में कोरोना की रोकथाम के लिए युद्ध स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. बावजूद इसके देश में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. बीते कुछ दिनों से देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में एक बार फिर से उछाल देखने को मिल रहा है.
एक्सपर्ट वैक्सीन को दोनों डोज ले चुके लोगों को बूस्टर डोज (Booster Dose) लगाने की सलाह दे रहे हैं. इस बीच कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के बीए.4 सब-वैरिएंट के तीन और बीए.5 सब-वैरिएंट के नए मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. इन नए मामलों के सामने आने के बाद देश की चिंता बढ़ गई है. क्योंकि कई एक्सपर्ट्स पहले ही जून में चौथी लहर आने की चेतावनी दे चुके हैं.
कितना खतरनाक हैं ये सब-वेरिएंट्स?
मौजदूा समय में कोरोना से सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र (Maharashtra) से सामने आ रहे हैं. वहीं मुंबई में कोरोना वायरस के ओमिकॉन वेरिएंट के BA.4 और BA.5 सब वेरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं. ओमिकॉन के कारण ही इस महामारी की तीसरी लहर भारत में आई थी. अब एक बार फिर से देश में कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, BA.4 और BA.5 कोरोना ओमिक्रॉन के बेहद संक्रामक उपस्वरूप हैं. जो कि सब-वैरिएंट्स BA.2 की तरह ही हैं. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी माना है कि ओमिक्रॉन के बाकी सब-वैरिएंट्स की तुलना में ये अधिक संक्रामक है.
BA.4 और BA.5 वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न
आपको बता दें कि अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (America's Center for Disease Control) और यूरोपियन सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (European Center for Disease Control) ने सब वेरिएंट्स बीए.4 और बीए.5 को 'वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न' घोषित किया है. यही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने भी ओमिक्रॉन के सभी वेरिएंट को वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न माना है. साथ ही WHO ने सभी देशों से इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील भी की है. हांलाकि, ओमिक्रॉन के BA.4 और BA.5 कोरोना के डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम गंभीर जरूर है, लेकिन इसकी संक्रामकता बहुत अधिक है. जिसके कारण ही दुनिया में कोरोना की तीसरी लहर आई थी. गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में ओमिक्रॉन वेरिएंट का पहला केस दक्षिण अफ्रिका में सामने आया था. जिसके बाद ये वायरस पूरी दुनिया में फैल गया. भारत में भी ओमिक्रॉन के कई मरीज सामने आए थे.
एक्सपर्ट्स को इसलिए सता रहा डर
कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट्स को लेकर एक्सपर्ट्स की चिंता की वजह इसके अब तक कई वैरिएंट्स के सामने आना है. ओमिक्रॉन के कई वैरिएंट्स सामने आ रहे हैं जो तेजी से अपना स्वरूप बदल रहे हैं. पहले ओमिक्रॉन का BA.1 और BA.2 सब-वैरिएंट्स थे. इसके बाद BA.4 और BA.5 के नाम भी इस लिस्ट में जुड़ गए. एक्सपर्ट्स की माने तो ओमिक्रॉन के ये दोनों ने सब-वेरिएंट्स पहले के BA.1 और BA.2 वेरिएंट्स के मुकाबले कही अधिक घातक और संक्रामक हैं. इसके अलावा ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BA.4 और BA.5 से कई ऐसे लोग भी संक्रमित हुए हैं जिन्होंने पहले से ही वैक्सीन ले रखी थी. एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर देश में इस नए सब-वेरिएंट के मामले बढ़ते हैं तो देश में कोरोना की चौथी लहर आ सकती है.
कोवैक्सीन की बूस्टर डोज से मिल सकती है राहत
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और भारत बायोटेक की रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक लेने से ना केवल कोरोना वायरस के डेल्टा बल्कि ओमिक्रॉन के BA.1.1 और BA.2 वेरिएंट्स के खिराफ प्रतिरक्षा को मजबूत करती है. अध्ययन में दावा किया गया है कि कोवैक्सीन की बूस्टर टीकाकरण से सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा बढ़ जाती है. जिससे डेल्टा और ओमीक्रॉन स्वरूप संबंधी बीमारी की गंभीरता कम हो जाती है. पहले अध्यय में फेफड़ों की बीमारी की गंभीरता कम पाई गई. वहीं, दूसरे अध्ययन में तीसरी खुराक के बाद ओमीक्रॉन के वेरिएंट्स के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया देखी गई.
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