Explained: नए नियमों के बाद ग्राहकों को Flash Sale के नाम पर नहीं मिलेगा धोखा
प्रस्तावित परिवर्तनों में प्लेटफॉर्म पर सेलर को समान अवसर नहीं देने, ग्राहकों की पसंद को सीमित करने और कीमतों में वृद्धि करने वाली सेल को रोकने और कार्रवाई करने का भी प्रावधान किया गया है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने धोखाधड़ी और गलत ट्रेड प्रैक्टिस को रोकने के लिए सोमवार को ई-कॉमर्स नियमों में कई बदलाव का प्रस्ताव दिया. खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी एक बयान के मुताबीक, प्रस्तावित परिवर्तनों में कुछ विशेष तरह की फ्लैश सेल पर प्रतिबंध और प्लेटफॉर्म पर समान अवसर नहीं देने पर दंडात्मक कार्रवाई भी शामिल है.
स्टेटमेंट में कहा गया है कि नियमों में प्रस्तावित संशोधन का उद्देश्य पारदर्शिता लाना, नियामक व्यवस्था को मजबूत करना, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना और स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना है. सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 में इन संशोधनों पर 15 दिनों के भीतर (6 जुलाई, 2021 तक) व्यूज और सुझाव मांगे हैं.
ग्राहकों की पसंद को सीमित करने और प्राइस बढ़ाने वाली सेल पर रोक का प्रस्ताव
मंत्रालय ने कुछ तरह की फ्लैश सेल पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पर कहा "कुछ ई-कॉमर्स कंपनिया उपभोक्ता की पसंद को सीमित कर रही हैं. जिसमें प्लेटफॉर्म पर एक सेलर कोई इन्वेंट्री या ऑर्डर पूर्ति क्षमता नहीं रखता है, लेकिन प्लेटफॉर्म द्वारा कंट्रोल किसी दूसरे सेलर को फ्लैश या बैक-टू-बैक ऑर्डर देता है." यह एक समान अवसर मुहैया कराने से रोकता है और ग्राहकों की पसंद को सीमित करता है और कीमतों में वृद्धि होती है. सरकार के बयान में स्पष्ट किया गया है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर थर्ड पार्टी सेलर की पारंपरिक फ्लैश सेल पर प्रतिबंध नहीं होगा.
शिकायतों के निवारण लिए नियुक्त करने होंगे अधिकारी
संरक्षण अधिनियम, 2019 का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ 24x7 समन्वय के लिए चीफ कंप्लायंस ऑफिसर,नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन की नियुक्ति की सिफारिश की गई है. बयान के अनुसार इससे शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत होगा.
ऑर्डर के इनवॉइस पर प्रदर्शित करना होगा रजिस्ट्रेशन नंबर
इसके अलावा हर ई-कॉमर्स यूनिट के पंजीकरण के लिए एक रूपरेखा प्रस्तावित की गई है. आवंटित पंजीकरण संख्या वेबसाइट के साथ-साथ हर ऑर्डर के इनवॉइस पर प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी. स्टेटमेंट के अनुसार, "यह ईमानदार संस्थाओं का एक डेटाबेस बनाने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि उपभोक्ता लेनदेन करने से पहले इसकी वास्तविकता को सत्यापित करने में सक्षम हों"
यह सुनिश्चित करने के लिए कि जब कोई विक्रेता लापरवाह व्यवहार के कारण सामान या सेवाएं देने में विफल रहता है तो उपभोक्ता प्रभावित नहीं हों, हर मार्केटप्लेस ई-कॉमर्स यूनिट के लिए फॉल-बैक लायबिलिटी के प्रावधान किए गए हैं.
नियमों का पालन नहीं करने से लोगों को हुई परेशानी
ई-कॉमर्स में गलत ट्रेड प्रैक्टिस को रोकने के उद्देश्य से पिछले साल 23 जुलाई से नियमों को नॉटिफाई किया गया था. बयान में कहा गया है, "हालांकि अधिसूचना के बाद से पीड़ित उपभोक्ताओं, व्यापारियों और संघों से ई-कॉमर्स प्रक्रिया में व्यापक धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ शिकायतें प्राप्त हुई हैं." इस तरह की घटनाओं ने बाजार में उपभोक्ता और कारोबारी धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है, जिससे कई लोगों को भारी परेशानी और पीड़ा हुई है.
प्रस्तावित संशोधन उपभोक्ता मामले विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. कमेंट्स और सुझाव 6 जुलाई, 2021 तक js-ca@nic.in पर भेजे जा सकते हैं.
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