नई दिल्ली: एबीपी न्यूज ने एक दिन पहले ही खुलासा किया था कि, मुंबई में अंबानी परिवार को धमाके में उडाने की प्लानिंग और दिल्ली में इजरायली दूतावास के बाहर बम धमाके की साजिश का तार देश की सबसे सुरक्षित कहे जाने वाली जेल- तिहाड से जुड रहा है. अब इस खबर पर मुहर भी लग गई है.
तिहाड़ से जुड़ा कनेक्शन
तिहाड देश के सबसे सुरक्षित जेलों में से एक है. लेकिन इसी जेल से रची गई है साजिश के खुलासे ने हर किसी को हैरान कर दिया है. एक दिन पहले ही सूत्रों के हवाले से हमने ये खुलासा किया था कि 29 जनवरी को दिल्ली में इजरायली एंबेसी के करीब जो धमाका हुआ था उसकी साजिशों का मास्टमाइंड तिहाड का कोई कैदी है.
एक दिन पहले ही हमने आपको ये बताया था कि 24-25 फरवरी की दरमियानी रात मुकेश अंबानी के आलीशान घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से भरी जो स्कॉर्पियो गाडी खड़ी की थी, उसकी प्लानिंग भी तिहाड जेल के अंदर से की गई थी और अब तिहाड जेल के अंदर से साजिश का जो सामान मिला है, उसने साजिश के शक और भी पुख्ता कर दिया है.
बैरक से मिला मोबाइल
आपको बता दें कि, तिहाड़ के अंदर बंद इंडियन मुजाहिद्दीन के खूंखार आतंकी तहसीन अख्तर के बैरक से मोबाइल फोन बरामद हुआ है. इसके जरिये टेलीग्राम चैनल बनाकर जैश उल हिन्द नाम के संगठन ने मुकेश अंबानी के एंटीलिया के पास विस्फोटक रखने की ज़िम्मेदारी ली थी. खबरों के मुताबिक गुरूवार शाम दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल तिहाड़ जेल पहुचीं और तिहाड़ प्रशासन के साथ सर्च ऑपरेशन चलाया और फिर जेल नंबर 8 में बंद इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी तहसीन अख्तर के बैरक से मोबाइल फ़ोन बरामद हुआ.
सूत्रों के मुताबिक, इसी मोबाइल से टोर ब्राउजर के जरिये डार्क नेट पर वर्चुअल नम्बर क्रिएट किया गया औऱ फिर उसी से एंटीलिया के पास बरामद विस्फोटक के बाद धमकी भरा पोस्ट तैयार किया गया था.
इस तरह हुआ खुलासा
जानकारी के लिए आपको बता दें कि, स्पेशल सेल को इजरायल एंबेसी के पास हुए धमाके की जांच के दौरान ये पता चला था कि जिस नंबर से टेलीग्राम के जरिये जैश उल हिन्द नाम के संगठन ने धमाके की ज़िम्मेदारी ली थी वो नंबर तिहाड़ जेल में एक्टिव था. स्पेशल सेल इसकी जांच कर ही रही थी कि तभी मुंबई में अंबानी के घर के बाहर मिले विस्फोटक के बाद जो धमकी भरा लैटर आया उसमे भी जैश उल हिन्द संगठन ने जिम्मेदारी ली और जब मुंबई पुलिस ने टेक्निकल सर्विलेंस के जरिए जांच की तो पता लगा ये नंबर भी दिल्ली की तिहाड़ जेल से एक्टिव है.
इसके बाद स्पेशल सेल से मुंबई पुलिस ने संपर्क साधा और उसके बाद ये बड़ा खुलासा हुआ कि, दोनों मामलों में एक ही मोबाइल नंबर 9311**0819 इस्तेमाल हुआ था. ये नंबर पूर्वी दिल्ली के रघुबरपुरा इलाके में रहने वाले जयदीप नाम के एक शख्स के नाम रजिस्टर्ड है. इस नंबर की जांच करते हुए एक और संदिग्ध नंबर 9711**9888 भी स्पेशल सेल के सामने आया है. इस नंबर की मदद से ही तहसीन अख्तर के पास से बरामद मोबाइल नंबर को एक्टिवेट किया गया था.
कौन है तहसीन अख्तर
तहसीन अख्तर उर्फ मोनू उर्फ डॉक्टर कौन है. आपको बता दें कि, यासीन भटकल के बाद तहसीन ही आईएम का चीफ बना था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इसे पश्चिम बंगाल और नेपाल की सीमा से साल 2014 में गिरफ्तार किया था. सुरक्षा एजेसियों के मुताबिक तहसीन अख्तर पटना ब्लास्ट का मास्टरमाइंड था और उसी के इशारे पर नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में धमाके किए गए थे. बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले तहसीन अख़्तर पर पटना के अलावा बोधगया और हैदराबाद धमाकों के भी आरोप हैं. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक तहसीन अख्तर साल 2005 से 2013 तक इंडियन मुजाहिद्दीन के आईटी सेल का मुख्य सदस्य रहा है. ये आईएम के साउथ इंडिया मॉड्यूल का मुखिया भी था और इसके ग्रुप में ज़िया उर रहमान ऊर्फ वकास,असदुल्ला अख्तर,मोहम्मद मारूफ,वकार अज़हर,मोहम्मद साजिद अंसारी सहित 10 से ज्यादा आतंकी थे.
तहसीन अख्तर ने भी रियाज भटकल, इक़बाल,यासीन भटकल के साथ भटकल की पहाड़ियों पर बम बनाने और आतंक की ट्रेनिंग ली हुई थी. तहसीन को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और कम्प्यूटर की जानकरी थी और वो आईएम के कई मॉड्यूल को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को बनाने और ऑपरेट करने की ट्रेनिंग देता था.
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