कोविशील्ड की 2 डोज के बीच अंतर बढ़ाने को अमेरिका ने बताया सही कदम, फाउची बोले- भारत में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लगे टीका
कई राज्यों में टीकों की कमी की खबरों के बीच केंद्र ने कोविशील्ड की 2 डोज के बीच अंतर बढ़ाने का फैसला लिया है. कुछ राज्यों का कहना है कि टीके की कमी के कारण उन्हें 18 से 44 साल आयुवर्ग के लोगों का टीकाकरण स्थगित करना पड़ा है.
नई दिल्ली: भारत सरकार ने एक सरकारी पैनल की सलाह पर कोविशील्ड टीके की दो डोज लगवाने के बीच के समय को 6-8 हफ्ते से बढ़ाकर 12-16 हफ्ते कर दिया है. अमेरिका के चीफ मेडिकल एडवाइजर डॉ एंथनी फाउची ने केंद्र के इस फैसले को सही कदम बताया है.
डॉ एंथनी फाउची ने गुरुवार को न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "जब आप बहुत मुश्किल स्थिति में होते हैं और जिस तरह से आप भारत में होते हैं, आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आप ज्यादा से ज्यादा लोगों को जल्दी से जल्दी टीका लगवा सकें, उनका पता लगा सकें. इसलिए मेरा मानना है कि यह एक सही कदम है."
फाउची ने कहा, 'तथ्य यह है कि अगर आप लंबे समय तक देरी करते हैं, यह बहुत कम संभावना है कि यह टीके की प्रभावकारिता पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा. जब आपके पास पर्याप्त टीके नहीं हैं, तो मैं इसे एक कवर के रूप में संदर्भित नहीं करूंगा." रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन की प्रभावकारिता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने, "मैंने स्पुतनिक के बारे में सुना है. यह काफी प्रभावी लगता है. लगभग 90 फीसदी या उससे भी अधिक प्रभावकारी है."
क्यों बढ़ाया गया कोविशील्ड टीके की दो डोज के बीच का समय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह 'विज्ञान आधारित फैसला है' और इस विश्वास के साथ लिया गया है कि इससे कोई अतिरिक्त खतरा नहीं होगा. मंत्रालय ने कहा, लेकिन नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (एनटीएजीआई) कोवैक्सीन के दो डोज के समयांतर (पहला और दूसरा डोज लगने के बीच का समय) में बदलाव का कोई सुझाव नहीं दिया है.
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि अध्ययन के अनुसार, शुरुआत में कोविशील्ड के दो डोज के बीच समयांतर 4-6 सप्ताह का था लेकिन और आंकड़ों की उपलब्धता और अनुपूरक विश्लेषण से पता चला है कि डोज के बीच समयांतर बढ़ाकर 4-8 सप्ताह करने पर कुछ लाभ है.
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