विदेश मंत्री Jaishankar ने की रूसी समकक्ष से मुलाकात, दोनों देशों ने दिसंबर की द्विपक्षीय 2+2 बैठक के फॉलोअप पर की चर्चा
Annual Summit and 2+2 Meeting: दोनों ही देशों ने आपसी सहयोग के पारंपरिक क्षेत्रों को आगे बढ़ाने पर भी जोर दिया है.
Annual Summit and 2+2 Meeting: भारत और रूस ने मंगलवार को अपने शीर्ष नेताओं के वार्षिक शिखर सम्मेलन के फॉलोअप पर चर्चा की. विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से बातचीत की है. जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा, आज शाम रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ नए साल की बधाई का आदान-प्रदान करने में खुशी हुई.
जयशंकर ने आगे कहा, वार्षिक शिखर सम्मेलन और टू प्लस टू बैठक के फॉलोअप पर चर्चा की. नियमित संपर्क में रहने पर सहमति व्यक्त की.
Glad to exchange New Year greetings with Russian FM Sergey Lavrov this evening.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 4, 2022
Discussed the follow up of the Annual Summit and 2+2 Meeting. Agreed to remain in regular touch.
1971 की शांति, मित्रता और सहयोग की संधि के पांच दशक पूरे होने पर और सामरिक साझेदारी पर घोषणा के दो दशकों के पूरा होने पर, भारत ने 6 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसकी अध्यक्षता संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की थी.
सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की बैक-टू-बैक बैठकें और भारत और रूस के विदेश और रक्षा मंत्रियों की पहली टू प्लस टू वार्ता भी उसी दिन नई दिल्ली में आयोजित की गई थी.
पारंपरिक क्षेत्रों को आगे बढ़ाने पर जोर
वार्षिक शिखर सम्मेलन और टू प्लस टू बैठक में, दोनों पक्षों ने भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की. उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि प्रमुख शक्तियों के साथ साझा उत्तरदायित्व के रूप में, यह महत्वपूर्ण संबंध वैश्विक शांति और स्थिरता का आधार बना हुआ है. भारत और रूस ने अपने बहुआयामी संबंधों का सकारात्मक रूप से मूल्यांकन किया, जो राजनीतिक और रणनीतिक, अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, सैन्य और सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति और मानवीय सहयोग सहित सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में फैले हुए हैं. दोनों ही देशों ने आपसी सहयोग के पारंपरिक क्षेत्रों को आगे बढ़ाने पर भी जोर दिया है.
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