EAM S Jaishankar: इंडिया की ओर क्यों 'आकर्षित' हो रही दुनिया? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया यह जवाब
विदेश मंत्री ने 26 अक्टूबर, 2024 को पुणे में छात्रों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि किसी लोकतांत्रिक देश में लगातार तीन कार्यकाल पूरा करना बड़ा चुनौती है. दुनिया भारत में राजनीतिक स्थिरता देखती है.
External Affairs Minister S Jaishankar: विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर ने शनिवार (26 अक्टूबर) को पुणे में छात्रों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि आज दुनिया भारत की ओर आकर्षित हो रही रही है, क्योंकि आज भारत के बारे में एक अलग धारणा है, एक अलग प्रधानमंत्री और एक अलग सरकार है.
न्यूज एजेंसी 'एएनआई' के रिपोर्ट के मुताबिक, एस जयशंकर बोले कि जर्मनी का सबसे बड़ा विदेशी व्यापार कार्यक्रम दिल्ली में हो रहा है. कुछ दिन पहले वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस गए थे. रूस जाने से पहले वे आसियान-संयुक्त राष्ट्र (यूएन) शिखर सम्मेलन के लिए लाओस में थे. इससे पता चलता है कि भारत दुनिया के लिए कितना मायने रखता है.
लोकतांत्रिक देश में लगातार तीन कार्यकाल पूरा करना दुर्लभ
एस जंयशकर ने कहा, "यह सब चुनाव परिणामों से शुरू हुआ. किसी लोकतांत्रिक देश में लगातार तीन कार्यकाल पूरा करना बड़ा चुनौती है. दुनिया भारत में राजनीतिक स्थिरता देखती है. वे भारत में लगातार विकास और मॉडर्नाइजेशन देख रहे हैं. यही कारण है कि दुनिया भारत की ओर आ रही है. वे एक स्टेबल पार्टनर की तलाश कर रहे हैं."
"यूक्रेन के मुद्दे पर हम खड़े हुए"
विदेश मंत्री ने बताया, "दुनिया भारत की ओर आ रही है क्योंकि भारत में अवसर हैं. हमें राष्ट्रीय हितों को आगे रखने में संकोच नहीं करना चाहिए. कितने देश यूक्रेन और रूस जाकर राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करने की क्षमता रखते हैं? दुनिया को भारत से उम्मीदें हैं. किसी को तो कुछ करना ही होगा, आखिर युद्ध कब तक चलेगा, यूक्रेन के मुद्दे पर हम खड़े हुए."
एस जयशंकर के अनुसार, "आपने जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लिया और जब हमने हिस्सा लिया तो कई अन्य देश हमारे पास आए और कहा कि हम आपसे बात करना चाहते थे, लेकिन हम ऐसा नहीं कर पाए, लेकिन कम से कम आपने तो बात की. दुनिया ने इससे पहले इतना अद्भुत जी-20 सम्मेलन नहीं देखा था, जिसकी मेजबानी भारत ने की. आज पूरे दुनिया में भारत को लेकर एक अलग धारणा बनी है. इसकी वजह देश को एक अलग प्रधानमंत्री और एक अलग सरकार मिला है."
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