वॉशिंगटन: रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने को लेकर भारत का रुख साफ है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि हमने अपने फैसले से ट्रंप प्रशासन को अवगत करा दिया है. रूस के एक पत्रकार ने ‘एस-400 ट्राइअम्फ’ मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के फैसले के कारण भारत पर सीएएटीएसए के तहत अमेरिकी प्रतिबंध लगाए जाने की आशंकाओं के बारे में सवाल किया. जिसके जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत ने एस-400 पर फैसला कर लिया है और हमने अमेरिकी सरकार से भी इस पर बात की है. मैं उन्हें समझाने-बुझाने की अपनी क्षमता को लेकर आश्वस्त हूं.’’


जयशंकर ने एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज’ के कार्यालय में वॉशिंगटन में कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि लोग यह बात समझेंगे कि खासकर यह सौदा हमारे लिए कितना महत्त्वपूर्ण है, इसलिए मुझे लगता है कि मुझसे किया गया आपका यह प्रश्न काल्पनिक है.’’


भारत ने पिछले साल अक्टूबर में रूस के साथ 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से मिसाइल प्रणालियां खरीदने का समझौता किया था. अमेरिकी चेतावनी के बावजूद भारत ने यह सौदा किया था.


क्या है एस- 400 मिसाइल सिस्टम
एस 400 मौजूदा दौर का बेहतरीन मिसाइल डिफेंस सिस्टम है. ये अमेरिका के थाड मिसाइल सिस्टम से बेहद अधिक मारक क्षमता वाला है. रूस के अल्माज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ने इसे विकसित किया है. ये S-300 सीरीज का एडवांस वर्जन है. इसकी रेंज 400 किलोमीटर और ऊंचाई 30 किलोमीटर की है. भारत के पास अभी ऐसी सिर्फ दो मिसाइलें बराक और आकाश हैं.


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दोनों की रेंज 100 किमी से ज्यादा नहीं है. ऐसे में एस 400 से ताकत भारत की ताकत में बहुत ज़्यादा इजाफा होगा. ये मिसाइल सिस्टम 5 मिनट में हमले के लिए तैयार हो जाता है. वहीं, ये एक साथ 100 टारगेट पर निशाना साध सकता है. चीन और पाकिस्तान जैसी चुनौतियों से निपटने में ये बेहद कारगर साबित हो सकता है.