S Jaishankar: 'हर राम को एक लक्ष्मण की जरूरत, रामायण में थे हुनमान अंगद जैसे डिप्लोमैट...', क्यों एस. जयशंकर ने कही ये बात
S Jaishankar News: विदेश मंत्री एस. जयशंकर की किताब 'व्हाई भारत मैटर्स' का बुधवार को दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में विमोचन हुआ. इस दौरान उन्होंने किताब में रामायण के संदर्भों के इस्तेमाल पर बात की.
S Jaishankar Book Launch: अपनी विदेशी कूटनीति की वजह से चर्चा में रहने वाले विदेश मंत्री एस. जयशंकर एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. हालांकि इस बार वजह विदेश नीति नहीं, बल्कि उनकी किताब 'व्हाई भारत मैटर्स' है. बुधवार (3 जनवरी) को इस किताब के विमोचन के दौरान एस. जयशंकर ने बताया कि उन्होंने क्यों इस किताब में महाकाव्य 'रामायण' का जिक्र किया है, क्यों राम, लक्ष्मण और हनुमान के माध्यम से भारत के उत्थान का वर्णन किया है?
पुस्तक विमोचन के दौरान एस. जयशंकर ने भारत के उत्थान का वर्णन करते हुए रामायण के उस संदर्भ के बारे में बताया जिसमें भगवान राम धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाते हैं जो मंच पर उनके आगमन का प्रतीक था. उन्होंने इसकी तुलना भारत से करते हुए कहा कि भारत भी उस पल के बेहद करीब है.
इसलिए भारत को देनी पड़ रही है अग्निपरीक्षा
जयशंकर ने किताब का जिक्र करते हुए आगे कहा कि मैंने बताया है कि कैसे हम उस परिवर्तन बिंदु (बड़े मंच पर आगमन) पर हैं, जहां हमें कई बार अग्निपरीक्षा देनी पड़ रही है. यह ठीक राम की तरह है. उन्हें भी कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ा था.
'रामायण में अंगद जैसे डिप्लोमैट भी मौजूद'
एस जयशंकर ने आगे बताया कि 'रामायण' में कई बेहतरीन डिप्लोमैट हैं. उन्होंने राम-लक्ष्मण के रिश्ते की तुलना करीबी सहयोगियों के रिश्ते से भी की. उन्होंने आगे कहा, "रामायण में हर कोई हनुमान के बारे में बात करता है, लेकिन वहां एक अंगद भी थे. इसमें मौजूद सभी किरदारों ने अपना-अपना राजनयिक योगदान दिया. भारत में, हम 'राम-लक्ष्मण' के आपसी प्यार की अक्सर बात करते हैं. प्रत्येक राम को एक लक्ष्मण की आवश्यकता होती है, यदि आपके पास विश्वसनीय दोस्त और सहयोगी हैं तो उससे सभी का कल्याण हो सकता है. यह पूछे जाने पर कि क्या फ्रांस भारत के लिए 'लक्ष्मण' (प्रमुख सहयोगी) है, जयशंकर ने कहा, ''मेरे पास फ्रांस पर एक पूरा अध्याय है, इसमें कई बार लक्ष्मण का जिक्र आता है.''
राम-लक्ष्मण और अन्य भाइयों के जरिये क्वाड का महत्व समझाया
जयशंकर ने दशरथ के चार पुत्रों राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जिक्र करते हुए क्वाड को भी समझाया. उन्होंने कहा, "दशरथ के चार पुत्र- राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न, जिनके कई मायनों में प्रतिस्पर्धी हित हैं, लेकिन उनमें मौलिक समानताएं भी हैं. जब राम को वनवास मिला था, तब लक्ष्मण उनके साथ गए थे. जंगल में राम और लक्ष्मण से मिलने बाकी के दोनों भाई गए थे. उनमें एक समानता थी, जो चारों को जोड़े हुए थी. ठीक ऐसा ही क्वाड के साथ भी है. हम अलग-अलग होते हुए भी एक साथ हैं. यही हमारी यानी क्वाड की विशेषता है.