'उन्होंने 26/11 पर कुछ नहीं किया, हमने PAK को दिया जवाब', दो स्ट्राइक का जिक्र कर जयशंकर का कांग्रेस पर हमला
S. Jaishankar News: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूपीए सरकार के दौरान हुए 26/11 हमलों का जिक्र कर कहा कि इतने बड़े हमले के बाद भी कोई जवाबी कार्रवाई नहीं हुी, जबकि हमने दुश्मनों पर दो बड़े हमले किए.
S. Jaishankar on Indian Defence Policy: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 6 शुक्रवार (6 दिसंबर 2024) को भारत की विदेश नीति और रक्षा नीति को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि भारत अब अपने रक्षा के मुद्दे पर पहले जैसा नहीं रहा. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार में पाकिस्तान पर किए एयर स्ट्राइक का भी जिक्र किया.
जयशंकर ने एनडीटीवी 'इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड्स 2024' में बोलते हुए पूर्व की कांग्रेस सरकार पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कैसे तत्कालीन सरकार ने 2008 में मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. उन्होंने आगे कहा, “...लेकिन बीजेपी सरकार में ऐसा नहीं हुआ. हमने उरी और बालाकोट हमलों के बाद पाकिस्तान को जवाब दिया."
उरी हमले के बाद हुए सर्जिकल स्ट्राइक का किया जिक्र
उन्होंने आगे उरी में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा, “पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) की ओर से किए गए इस हमले के बाद हमने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों पर अपने विशेष बलों का उपयोग करके सर्जिकल स्ट्राइक की थी. सितंबर 2016 में हुए इस सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय सैनिकों ने कई आतंकी लॉन्च पैड नष्ट कर दिए थे.”
'बालाकोट एयर स्ट्राइक करके लिया पुलवामा का बदला'
जयशंकर यहीं नहीं रुके. उन्होंने पाकिस्तान के बालाकोट में किए गए एयर स्ट्राइक को भी याद किया. उन्होंने कहा, फरवरी 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी की ओर से किए गए आत्मघाती बम हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. हमने इसका बदला बालाकोट में एयर स्ट्राइक करके लिया.
26/11 हमले का इसलिए किया जिक्र
बता दें कि 26/11 का हमला कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में हुआ था. तब इस हमले में पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई में ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, लियोपोल्ड कैफे, नरीमन हाउस, कामा अस्पताल और मेट्रो सिनेमा सहित प्रमुख स्थानों को निशाना बनाया था. तीन दिनों तक चले इन हमलों में 20 सुरक्षाकर्मियों और 26 विदेशियों सहित 166 लोग मारे गए थे, जबकि 300 से अधिक घायल हुए थे.
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