S Jaishankar On India China Relations: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर पड़ोसी देश चीन पर निशाना साधा है. कोलकाता में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के कार्यक्रम में शुक्रवार (30 जून) को विदेश मंत्री ने कहा कि चीन की ओर से भारत की संप्रभुता का उल्लंघन किया गया लेकिन उसके हर प्रयास का प्रतिकार किया गया.


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ''हमें अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना चाहिए. पश्चिमी ताकतों ने भारत-पाकिस्तान के बीच जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर दखल देने की कोशिश की. (अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति) क्लिंटन के दौर में तो यह सार्वजनिक तौर पर किया जाता था. ओबामा ने भी यह मुद्दा उठाया. चीन की ओर से हमारी संप्रभुता का उल्लंघन किया गया. प्रत्येक कोशिश का जवाब दिया गया.''


चीन के साथ कामकाजी संबंध पर ये बोले विदेश मंत्री जयशंकर


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों में मौजूदा गिरावट भारत की वजह से नहीं, बल्कि चीन की ओर से पैदा की गई है. क्या दो एशियाई दिग्गजों के बीच कामकाजी संबंध हो सकते हैं? यह पूछे जाने पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ''आखिरकार ताली बजाने के लिए दो हाथों की जरूरत होती है और चीन को भी कामकाजी रिश्ते में विश्वास होना चाहिए.'' 


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जयशंकर ने कहा, ''अगर सभ्य कामकाजी संबंध बनाए रखना है तो चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 1993 और 1996 में हुए समझौतों का पालन करना होगा.''


'सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर हमारा रुख स्पष्ट'


केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर में हममे राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता को बढ़ाया और यह अहम है, हमारे पश्चिमी समकक्ष समझ रहे हैं.'' विदेश मंत्री ने कहा, ''सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर हमारा रुख स्पष्ट है. उरी और बालाकोट की कार्रवाई हमारी सोच में बदलाव को दर्शाती है.''


विदेश मंत्री ने दो दिन पहले चीन पर क्या कहा था?


बता दें कि इससे पहले बुधवार (28 जून) को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में भी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को लेकर ऐसी ही बात कही थी. उन्होंने कहा था वह मानते हैं कि चीन भारत का पड़ोसी है और एक बड़ा देश है लेकिन कोई भी रिश्ता दोनों तरफ से निभाया जाता है और एक-दूसरे के हितों का सम्मान करना होता है.  


उन्होंने कहा था, ''समझौतों का पालन किया जाना होता है और हमारे बीच बनी सहमति से मुकरना ही आज मुश्किल दौर की वजह है.'' उन्होंने दो टूक कहा था, ''सबसे अहम बात यह है कि सीमा पर स्थिति ही संबंधों की स्थिति तय करेगी और सीमा पर स्थिति आज भी असामान्य है.''


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