S Jaishankar Slams Pakistan Over Terrorism: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार, 5 अक्टूबर को कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) ‘आगे नहीं बढ़ रहा’ है और पिछले कुछ साल में इसकी बैठकें भी नहीं हुई हैं क्योंकि इस क्षेत्रीय समूह का एक सदस्य ‘सीमा पार आतंकवाद’ को बढ़ावा दे रहा है.
विदेश मंत्री ने किसी देश का नाम लिए बगैर ऐसे समय में यह टिप्पणी की है जब वह इस्लामाबाद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इसी महीने पाकिस्तान की यात्रा पर जाने वाले हैं.
2014 के बाद नहीं हुआ कोई शिखर सम्मेलन
साल 2016 के बाद से SAARC बहुत प्रभावी नहीं रहा है और काठमांडू में साल 2014 में हुए अंतिम शिखर सम्मेलन के बाद से इसका कोई द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन नहीं हुआ है. जयशंकर ने एक कार्यक्रम में SAARC के पुनरुत्थान से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "फिलहाल SAARC आगे नहीं बढ़ रहा है. इसकी कोई बैठक भी नहीं हुई है और इसकी बहुत साधारण सी वजह है कि इसका एक सदस्य दक्षेस के कम से कम एक सदस्य या उससे अधिक के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है."
उन्होंने कहा, "यदि आप सभी एक साथ बैठ रहे हैं और सहयोग कर रहे हैं और उसी समय इस प्रकार का आतंकवाद जारी है. यह वास्तव में हमारे लिए एक चुनौती है कि आप इसकी अनदेखी करते हैं और आगे बढ़ जाते हैं."
कौन-कौन है SAARC का हिस्सा?
SAARC एक क्षेत्रीय समूह है जिसमें भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं. विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "आतंकवाद ऐसी चीज है जो अस्वीकार्य है और वैश्विक दृष्टिकोण के बावजूद, यदि हमारा कोई पड़ोसी ऐसा करना जारी रखता है, तो उस पर रोक होनी चाहिए. यही कारण है कि हाल के सालों में SAARC की बैठक नहीं हुई है."
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