Extortion Case: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह से क्राइम ब्रांच ने की 7 घंटे तक पूछताछ, कहा- मुझपर लगे आरोप झूठे
Extortion Case: क्राइम ब्रांच की पूछताछ के बाद परमबीर सिंह ने एबीपी माझा से बात करते हुए कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जांच में सहयोग के लिए आया था.
Extortion Case: वसूली के मामले में आज मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुए. उनसे करीब सात घंटे तक पूछताछ चली. इसके बाद उन्होंने एबीपी माझा से बात करते हुए कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जांच में सहयोग के लिए आया था. आगे भी सहयोग करेंगे. मेरे खिलाफ लगे सभी आरोप झूठे हैं. मुझे न्यायपालिका पर विश्वास है. सच्चाई सामने आएगी.
सूत्रों के मुताबिक, परमबीर सिंह को वापस जांच के लिए बुलाया जाएगा. सिंह जांच में सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने शिकायतकर्ता के आरोपों पर कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. मुंबई की एक अदालत ने परमबीर सिंह को भगोड़ा घोषित किया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी से छूट देते हुए उन्हें जांच में शामिल होने का निर्देश भी दिया था.
एक अधिकारी ने बताया कि सिंह चंडीगढ़ से यहां पहुंचे. उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे से निकलने के बाद सिंह मुंबई पुलिस की अपराध शाखा की इकाई-11 के समक्ष पेश हुए. गोरेगांव थाने में दर्ज रंगदारी के मामले में उनका बयान दर्ज किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया था.
गौरतलब है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर ‘एंटीलिया’ के बाहर एक गाड़ी से विस्फोटक मिलने के बाद दर्ज मामले में मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद सिंह को मार्च 2021 में मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया गया था. इसके बाद सिंह को होम गार्ड्स का महानिदेशक नियुक्त किया था.
सिंह ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे जिसे देशमुख ने खारिज किया था. देशमुख बाद में मंत्री पद से हट गए और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सिंह के आरोपों पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था.
परमबीर सिंह आखिरी बार सात अप्रैल को सार्वजनिक तौर पर दिखे थे. वह चार मई को कार्यालय आए और उसके बाद स्वास्थ्य कारणों से छुट्टी पर चले गए थे. पुलिस ने 20 अक्टूबर को बताया कि सिंह का कोई अता-पता नहीं है.