मुंबई के वसूली कांड में फरार पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से गिरफ्तारी से राहत देने की मांग की थी. जिसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने उनके ठिकाने के बारे में जानकारी मांगी है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह की मांग की जवाब में कहा, "पहले यह बताइए कि आप हैं कहां? भारत में हैं या बाहर? इसके बिना आपकी याचिका नहीं सुनी जा सकती."


कोर्ट ने सुनवाई को सोमवार तक टालते हुए कहा कि आरोपी अब तक जांच में शामिल नहीं हुआ है. वहीं उनके वकीलों को भी नहीं पता कि वह कहां है. ऐसे में कोर्ट की सुनवाई नहीं हो सकती. दरअसल मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को कल ही भगौड़ा घोषित कर दिया गया था. सरकारी वकील शेखर जगताप ने बताया कि, मुंबई की एस्प्लेनेड कोर्ट ने पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को भगौड़ा अपराधी घोषित करने के मुंबई पुलिस के आवेदन को स्वीकार कर लिया है.


गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद भी थे लापता


मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने यह कहते हुए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी सिंह को ‘‘फरार घोषित’’ किए जाने का अनुरोध किया था कि उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद भी उनका पता नहीं लगाया जा सका है. दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 के तहत अदालत द्वारा उद्घोषणा प्रकाशित किए जाने पर आरोपी को हाजिर होने की आवश्यकता होती है अगर उसके खिलाफ जारी वारंट की तामील नहीं हो पाई है. धारा 83 के तहत उद्घोषणा प्रकाशित किए जाने के बाद अदालत एक आरोपी की संपत्ति जब्त करने का आदेश दे सकता है.


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