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फेसबुक लीक: क्या बीजेपी, क्या कांग्रेस, क्या जेडीयू- सभी कैंब्रिज एनालिटिका को हायर कर चुके हैं

फेसबुक डेटा लीक- भारत में ''कैंब्रिज एनालिटिका'' की सहयोगी कंपनी स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशन्स लैबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और ओवलेने बिजनेस इंटेलिजेंस (OBI) है. सीए पर आरोप लगने के कुछ घंटों बाद ओवलेने बिजनेस इंटेलिजेंस को ब्लॉक कर दिया गया. वेबसाइट पर बीजेपी, कांग्रेस और जेडीयू का क्लाइंट होने का जिक्र था.

नई दिल्ली: हमारी-आपकी जिंदगी का हिस्सा बन चुके फेसबुक से 'निजी डेटा' चोरी की खबर के बाद पूरे विश्व में खलबली मची है. अब इसे लेकर बड़ी जानकारी ये मिल रही है डेटा चोरी करने वाली कैंब्रिज एनालिटिका की इंडियन फर्म स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशन्स लैबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और ओवलेने बिजनेस इंटेलिजेंस से केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस और बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू ने मदद ली है. ये दावा द इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में किया है.

हालांकि, इस मुद्दे पर देश में सियासी खेल जमकर खेला जा रहा है. बीजेपी ने कांग्रेस पर राष्ट्रीय सुरक्षा से 'खिलवाड़' का आरोप लगाया है तो कांग्रेस ने पलटवार करते हुए उसे पूरी तरह से झूठ बताया. कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी ने खुद कई चुनावों में कैंब्रिज एनालिटिका की मदद ली है.

दरअसल, राजनीतिक डेटा विश्लेषक कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका (सीए) पर आरोप है कि उसने फेसबुक के पांच करोड़ यूजर्स के डेटा तक पहुंच बनाई और वो भी बिना इजाजत के. अब फेसबुक ने इसपर सफाई दी है और कंपनी के मालिक मार्क जकरबर्ग ने कबूल किया है कि डेटा चोरी हुई है. हालांकि, उन्होंने इसे लेकर माफी नहीं मांगी है.

आरोप के मुताबिक कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक पर पांच करोड़ फेसबुक उपभोक्ताओं के डेटा का इस्तेमाल बिना उनकी अनुमति के नेताओं के लिए किया.

कैंब्रिज एनालिटिका का भारत में कारोबार भारत में 'कैंब्रिज एनालिटिका' की सहयोगी कंपनी स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशन्स लैबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और ओवलेने बिजनेस इंटेलिजेंस (OBI) है. सीए पर आरोप लगने के कुछ घंटों बाद ओवलेने बिजनेस इंटेलिजेंस को ब्लॉक कर दिया गया. वेबसाइट पर बीजेपी, कांग्रेस और जेडीयू का क्लाइंट होने का जिक्र था. इस कंपनी के प्रमुख जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी हैं.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अमरीश और कैंब्रिज एनालिटिका के निलंबित सीईओ एलेक्जेंडर निक्स गाजियाबाद की कंपनी स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशन्स लैबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी में कहा गया था, ''सीए ने बिहार विधानसभा चुनाव 2010 में गहराई से इलेक्टोरल एनालिसिस किया था. रिसर्च के दौरान सीए को गांवों में पार्टी का जनाधार बढ़ाने की जिम्मेदारी मिली थी. समर्थकों का उत्साह बढ़ाने के लिए काम करना था. हमारे क्लाइंट ने इस चुनाव में बड़ी जीत हासिल की और जहां टारगेट किया गया उसमें से 90 फीसदी सीट पर जीत मिली.''

आपको बता दें कि 2010 विधानसभा चुनाव में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन ने बड़ी जीत हासिल की थी. विधानसभा की 243 सीटों में से नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को 115 सीटें जबकि बीजेपी को 91 सीटें मिली थी.

अमरीश त्यागी ने क्या कुछ कहा? ओवलेने बिजनेस इंटेलिजेंस के मालिक अमरीश त्यागी ने 'कैंब्रिज एनालिटिका' को लेकर हुए खुलासे पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि हमारी कंपनी कभी भी गलत कामों में शामिल नहीं रही है. अमरीश त्यागी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि उन्होंने 2012 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए बूथ प्रोफाइलिंग का काम किया था. उन्होंने बताया कि इसी चुनाव में उन्होंने एक न्यूज चैनल के लिए ओपनियन पोल का काम किया था. कांग्रेस के लिए काम करने की खबरों पर अमरीश ने कहा कि 2011 और 2012 में उन्होंने यूथ कांग्रेस के लिए झारखंड में सर्वे किया था.

OBI के एक अन्य डायरेक्टर हिमांशु शर्मा की लिंक्डइन प्रोफाइल पर नजर डालें तो उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लिए सफलतापूर्वक चार चुनावों में प्रबंधन किया है. उनकी प्रोफाइल के मुताबिक, 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी की मिशन 272+ के लिए जोर-शोर से अभियान चलाया. हिमांशु शर्मा के दावों के मुताबिक उन्होंने बीजेपी की मिशन 272+ के लिए पार्टी वॉलेंटियर और समर्थकों का प्रोफाइल तैयार किया.

क्या काम करती है ओबीआई सोशल मीडिया के विस्तार के बाद तेजी से सभी दलों ने इसपर पहुंच बनाई. 2014 चुनाव में इसका खासा असर देखा गया. बीजेपी ने सोशल मीडिया पर आक्रामक प्रचार किया. कांग्रेस इस मामले में पीछे रही और पार्टी को इसका नुकसान 2014 लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ा. दलों के लिए खुद के विंग से सोशल मीडिया पर प्रचार करना मुश्किल होता है. ऐसे में ज्यादातर दल कंपनियों की मदद लेती है.

ओबीआई पॉलिटिकल कैंपेन मैनेजमेंट के साथ कई तरह की सेवाएं देती है. इसमें ऑनलाइन दुनिया में छवि निर्माण, सोशल मीडिया अकाउंट मैनेज करना, दलों के लिए सोशल मीडिया के लिए रणनीति तैयार करना शामिल है.

बीजेपी-कांग्रेस के दावे केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस अपने 2019 अभियान को चलाने के लिए जिस कंपनी सीए से मदद ले रही है, वह रिश्वत लेने, राजनीतिज्ञों को फसांने के लिए यौनकर्मियों का इस्तेमाल करने और फेसबुक से डेटा चुराने में संलिप्त रही है. वहीं कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी 2010 बिहार विधानसभा चुनाव समेत चार राज्य चुनावों में इस कंपनी की सेवाएं ली गई थीं.

कैम्ब्रिज एनालिटिका पर क्या हैं आरोप ब्रिटिश डेटा विश्लेषण कंपनी, कैम्ब्रिज एनालिटिका पर आरोप है कि उसने पांच करोड़ फेसबुक यूजर्स के निजी डेटा बिना उनकी मंजूरी के चुरा लिए. चोरी किये गये डेटा का उपयोग राजनेताओं की मदद के लिए किया गया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्रेक्सिट अभियान शामिल हैं.

फेसबुक ने कैंब्रिज एनालिटिका को अपने प्लेटफार्म से निलंबित कर दिया है. फेसबुक ने कबूल किया है कि करीब 2,70,000 लोगों ने एप को डाउनलोड किया और इसके साथ अपनी निजी जानकारियां साझा की हैं. फेसबुक डेटा लीक पर इसके फाउंडर मार्क जकरबर्ग ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी ली है.

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