नई दिल्ली: फेसबुक के कथित पक्षपात को लेकर विवाद जारी है. इस बीच आज Facebook इंडिया के प्रमुख अजीत मोहन से एक संसदीय समिति ने करीब दो घंटे तक पूछताछ की. सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति सोशल मीडिया मंचों के कथित दुरूपयोग पर चर्चा कर रही है.


हालांकि, बंद कमरे में हुई इस बैठक के दौरान क्या सब हुआ, इस बारे में फिलहाल जानकारी नहीं मिल पाई है. इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘‘सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में मीडिया की अत्यधिक रूचि को देखते हुए मैं सिर्फ यह कह सकता हूं : हमनें करीब साढ़े तीन घंटे बैठक की और बाद में चर्चा, जिसमें फेसबुक के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा भी शामिल है, बहाल करने पर आम सहमति से सहमत हुए . ’’


सूत्रों ने बताया कि फेसबुक के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा संपन्न नहीं हो सकी, 10 सितंबर को फिर से बैठक बुलाने का विचार था, लेकिन इस पर आम सहमति नहीं बन सकी क्योंकि कुछ सदस्यों ने इसका इस आधार पर विरोध किया कि समिति का पुनर्गठन होना है.


समिति ने नागरिकों के अधिकारों की हिफाजत और डिजिटल क्षेत्र में महिला सुरक्षा पर विशेष जोर देने सहित सोशल/ऑनलाइन न्यूज मीडिया मंचों के दुरूपयोग की रोकथाम के विषय पर फेसबुक के प्रतिनिधियों के विचार सुनने के लिये उन्हें (फेसबुक के प्रतिनिधियों को) बुलाया था.


समिति ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों को भी इस विषय पर बुलाया था, जबकि कुछ डिजिटल मीउिया कार्यकर्ताओं सहित कुछ अन्य ने भी समिति के समक्ष अपने बयान दर्ज कराये हैं. एक अधिकारी ने बताया कि समिति के अध्यक्ष सहित इसके 18 सदस्य बैठक में उपस्थित थे.


अमेरिकी समाचार पत्र वाल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित खबर में दावा किया गया है कि सोशल मीडिया मंच ने नफरत भरे भाषण से जुड़े अपने नियमों को बीजेपी के कुछ नेताओं पर लागू करने में अनदेखी की.


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