नई दिल्ली: सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म फेसबुक ने शनिवार को कहा कि वह ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव’ के लिए लोगों और नेताओं को उसके प्लेटफॉर्म के जरिए संवाद के लिए प्रोत्साहित करेगा. हालांकि, चुनाव के दौरान नफरत भरे भाषण के प्रसार पर रोक लगाने के लिए कंपनी एक टीम को तैनात करेगी.


फेसबुक के पब्लिक पॉलिसी ईएमईए के उपाध्यक्ष रिचर्ड एलन ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और सकारात्मक संवाद के लिए हो. हम नेताओं से बातचीत करने वाले लोगों का स्वागत करते हैं लेकिन हम नहीं चाहते हैं कि लोग इस मंच का दुरूपयोग करें.” कंपनी चुनाव के दौरान विचारों को प्रभावित करने, नफरत भरे भाषण के प्रसार सहित दूसरे मुद्दों को लेकर आलोचना झेलती रही है.


नफरत फैलाने वाली चीजों को हटाएगी फेसबुक
फेसबुक ने नफरत फैलाने वाली बातों के प्रसार को रोकने के लिए एक नीति पर काम करना शुरू किया है. इसके तहत कंपनी नफरत और हिंसा फैलाने वाली सामग्रियों के अपने प्लेटफॉर्म से हटा देगी. एलन ने कहा कि अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरह से दुरूपयोग होता है लेकिन उनका सिद्धांत एक है. उन्होंने कहा कि फेसबुक इस मुद्दे के समाधान के लिए अपनी नीति को और कारगर बनाने की दिशा में काम कर रहा है.


इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अहम है फेसबुक का ये फैसला
उन्होंने कहा, “जब हम आगामी चुनावों के बारे में सोचते हैं तो निश्चित तौर पर दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत सबसे अहम हो जाता है. इसके लिए हमारे पास एक कार्यबल है. इसमें सुरक्षा और सामग्री विशेषज्ञ शामिल होते हैं. हम यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत या ब्रिटेन या किसी दूसरे देश में किस प्रकार दुरूपयोग होता है.” उनका यह बयान इस साल होने वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनावों के परिप्रेक्ष्य में अहम है.