Fact Check: क्या कोविड वैक्सीन लगी बाहों से बिजली पैदा हो सकती है? जानिए सच्चाई
अपनी बाहों पर बल्ब रखने के साथ ही एक शख्स को वायरल वीडियो में उसे जलाते हुए देखा जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि कोविड-19 वैक्सीन में धातु या माइक्रोचिप्स लगे होते हैं जो वैक्सीन लगी बाहों में बिजली पैदा करते हैं. लेकिन आखिर इसकी सच्चाई क्या है?
देश में जारी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के बीच इंटरनेट पर सनसनीखेज दावों की झड़ी लगी हुई है. इस तरह के दावे लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन लगवाने से हतोत्साहित कर रहे हैं और शायद शरारती तत्वों का लोगों के बीच वैक्सीन संकोच फैलाना मकसद हो. लेकिन उनकी बातों के झांसे में आकर न जाने कितने लोग अपने स्वास्थ्य से समझौता कर सकते हैं.
वर्तमान में इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है. पोस्ट में दावा किया गया है कि कोविड-19 वैक्सीन में धातु या माइक्रोचिप्स लगे होते हैं जो कोविड-19 वैक्सीन लगी बाहों में बिजली पैदा करते हैं और बल्ब लगाने पर जल जाते हैं.
दावा
वायरल वीडियो में एक शख्स जैसे ही अपनी बाहों पर बल्ब रखता है, ये जल जाता है. शख्स कहता है कि हाथ में कहीं भी बल्ब लगाने से कुछ नहीं हो रहा, लेकिन वैक्सीन लगी बाहों में लगाने से ये बिजली पैदा करता है और जलने लगता है.
हकीकत
पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने दावे का भंडाफोड़ किया और कहा कि ये 'फर्जी' है. न तो किसी कोविड-19 वैक्सीन में कोई धातु लगा होता है और न ही माइक्रोचिप और न ही उसमें बिजली पैदा करने जैसा प्रभाव होता है. उसने बताया कि वायरल वीडियो की हकीकत बेबुनियाद है और कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के लिए सुरक्षित है.
हाल ही में इंटरनेट पर इस दावे के साथ एक तस्वीर वायरल हो चुकी है कि वैक्सीन लगवाने वाले लोग डोज लेने के दो वर्षों में मर जाएंगे. पीआईबी फैक्ट चेक ने स्पष्ट किया था, "फ्रेंच नोबल पुरस्कार विजेता के हवाले से कोविड-19 वैक्सीन पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. वायरल पोस्ट में दावे का सच्चाई से कोई संबंध नहीं है. कोविड-19 वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है."
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