Anurag Thakur In Parliament: सरकार ने मंगलवार (14 मार्च) को संसद में बताया कि वो कई तरह के मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैल रही फर्जी खबरों के बारे में अवगत है. इन खबरों को नागरिकों ने ईमेल या फिर सोशल मीडिया के जरिए भेजा. इनकी निगरानी के लिए फैक्ट चेक यूनिट को जिम्मेदारी दी गई, जिसने इन नागरिकों के सवालों के जवाब दिए हैं.


दरअसल, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर सदन में बीजेपी सांसद बीपी सरोज के उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे. सरोज ने पूछा था कि फर्जी खबरों को नियंत्रित करने के लिए सरकार की कार्य योजना क्या है. इस दौरान अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रेस काउंसिल एक्ट के तहत साल 1978 में भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) को स्थापित किया गया था. ये वैधानिक स्वायत्त निकाय है. इसने पत्रकारिता के आचरण के मानदंड तैयार किए थे.


क्या कहा अनुराग ने?


उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा, “मानदंडों के उल्लंघन के मामलों में अधिनियम की धारा 14 के मुताबिक जांच के बाद पीसीआई चेतावनी दे सकता है, अखबार को फटकार लगा सकता या फिर उसकी निंदा कर सकता है, संपादक या पत्रकारों के आचरण को अस्वीकार भी कर सकता है.”


इसके अलावा टीवी के लिए उन्होंने कहा, “टीवी के लिए सभी केबल टीवी नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1995 के तहत प्रोग्राम कोड का पालन करना आवश्यक है. इसमें ये भी शामिल है कि कार्यक्रमों में कुछ भी अश्लील, मानहानिकारक, जानबूझकर, गलत नहीं होना चाहिए. वहीं, डिजिटल समाचार प्रकाशकों के लिए, सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को आईटी अधिनियम, 2000 के तहत अधिसूचित किया है.”


सौगत रॉय के सवाल पर अनुराग


टीएमसी सांसद सौगत रॉय के सवाल का जवाब देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय को ऐसा कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. दरअसल, सौगत रॉय ने मंत्रालय से स्पष्ट करने के लिए कहा था कि क्या एडिटर्स गिल्ड या किसी अन्य मीडिया संगठनों ने विजुएल या प्रिंट मीडिया में फर्जी रिपोर्ट पर सरकार की मौजूदा फैक्ट फाइंडिंग जांच पर आपत्ति जताई है. इसके जवाब में ठाकुर ने कहा- नहीं.


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