नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार देश के सभी सरकारी स्कूलों का निजीकरण करने जा रही है. ये दावा एक अखबार कटिंग के हवाले से किया जा रहा है. लेकिन ये दावा झूठा है. सरकार सभी सरकारी स्कूलों को निजीकरण नहीं कर रही है. सरकार की प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने इस वायरल दावे को फर्जी बताया है.


पीआईबी फैक्ट चेक ने अखबार की उस कटिंग को शेयर करते हुए ट्विटर हैंडल पर लिखा, "कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दावा किया जा रहा है कि पूरे देश में सरकारी स्कूलों का निजीकरण होगा. यह दावा फर्जी है, सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के निजीकरण को लेकर ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है."





5 महीने से बंद चल रहे देशभर के स्कूल
देश में कोरोना संकट के चलते पिछले पांच महीनों से सभी स्कूल-कॉलेज बंद चल रहे हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय स्पष्ट कर चुका है कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना स्कूल नहीं खोले जाएंगे. फिलहाल स्कूल खोले जाने की संभावना नहीं है, इसलिए ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने का विकल्प ही जारी रखा गया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने स्कूली छात्रों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. यह दिशानिर्देश इंटरनेट के अभाव में भी छात्रों की लर्निग बेहतर करने का काम करेंगे.


ये दिशानिर्देश तीन प्रकार की स्थितियों के लिए सुझाए गए हैं. सबसे पहले, जिसमें छात्रों के पास कोई डिजिटल संसाधन नहीं है. दूसरे, जिसमें छात्रों के पास सीमित डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं. अंत में, जिसमें छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा के लिए डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं.


केंद्रीय मंत्री ने कहा, "दिशानिर्देश उन बच्चों की मदद करेंगे, जिनके पास अपने शिक्षकों या स्वयंसेवकों के साथ घर पर सीखने के अवसर प्राप्त करने के लिए डिजिटल संसाधन नहीं हैं. इसके अलावा, यह उन सभी छात्रों की सीखने की कमियों को दूर करने के हमारे प्रयासों में भी मदद करेगा जो विभिन्न वैकल्पिक तरीकों के माध्यम से घर पर सीख रहे हैं यानी, रेडियो, टीवी, स्मार्ट फोन आदि का उपयोग कर रहे हैं."


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