Fact Check: बिहार में गणतंत्र दिवस पर पाकिस्तानी झंडा (Pakistan Flag) फहराने की खबरें बेहद सुर्खियां बटोर रही थीं. एक के बाद एक मीडिया आउटलेट्स ने इस खबर को पब्लिश किया था. न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने भी ट्वीट कर तीन तस्वीरों को साझा किया था. इस ट्वीट में लिखा था, बिहार के पूर्णिया के मधुबनी सिपाही टोला इलाके में एक पाकिस्तानी झंडा फहराया गया. वहीं इसी ट्वीट में एसएचओ का भी बयान था जिसमें कहा गया कि मौके पर पहुंचकर इस झंडे को हटा दिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.
इसी तरह कई मीडिया हाउस ने इससे जुड़ी खबर छापी और दावा किया, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार के रिहाइशी इलाके में पाकिस्तान का झंडा फहराया गया. इस खबर पर कई राजनेताओं ने भी ट्वीट किया. आंध्र प्रदेश बीजेपी सचिव रमेश नायडू नागोथू ने घटना से जुड़ी तस्वीरों को शेयर कर लिखा, बिहार में पाकिस्तानी झंडा फहराने की शर्मनाक हरकत निंदनीय है. त्रिपुर बीजेपी के सचिव अमित रक्षित ने भी ट्वीट कर इस घटना की आलोचना की. इसी तरह कई नेताओं ने तस्वीरों को शेयर कर घटना को निंदनीय बताया और सख्त कार्रवाई की मांग की.
अब आते हैं... फैक्ट चैक पर...
घटनास्थल की जो तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहा है अगर इन्हें ध्यान से देखा जाए तो हकीकत अपने आप सामने आती है. दरअसल, जिस पोल से ये झंडा लहराया गया है... पोल से जुड़ा झंडे का हिस्सा हरा नहीं है बल्कि नीला और सफेद-काले पैच जैसा है. ऐसा पैटर्न पाकिस्तानी झंडे का नहीं है. पाकिस्तान का झंडा हरे रंग का है जिस पर चांद और एक तारा बना दिखता है. ये साफ करता है कि ये दोनों झंडे एक दूसरे से अलग हैं. यानी कि, बिहार का फहराया झंडा पाकिस्तानी झंडा नहीं है.
पहले भी भारत में फहराया गया ऐसा तिरंगा
एक कादरी के मुताबिक, बिहार में मिले झंडे में नीली पट्टी बगदाद शरीफ मस्जिद के गुंबद पर बने पैटर्न से मैच करती है. वहीं, सफेद और काला पैच बरेली में दरगाह-ए-आलाहज़रत के गुंबद से प्रेरित है. अब दावा कर मीडिया रिपोर्ट्स में ये कहा गया कि ये झंडा पहले भी भारत में कई जगहों पर फहराया गया है और ये पाकिस्तानी झंडा नहीं बल्कि धार्मिक झंडा है.
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