नई दिल्लीः सोने-चांदी की खरीदारी में केवाईसी की आवश्यकता से जुड़ी एक रिपोर्ट्स हाल ही में सामने आई थी. इस मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि किसी भी कीमत की सोने-चांदी की ज्वैलरी खरीदने के लिए पैन कार्ड या फिर आधार कार्ड आधारित केवाईसी कराना जरूरी होगा. लेकिन यह खबर फैक्ट चैक में झूठी निकली है.


इस रिपोर्ट से यह भ्रम फैला कि ग्राहकों को सोने-चांदी की हर खरीद पर केवाईसी कराना होगा. पीआईबी के फैक्ट चैक में इसका खंडन किया गया है और इस दावे को भ्रामक बताया है. पीआईबी के फैक्ट चैक में कहा गया है कि अधिसूचना के अनुसार केवल 10 लाख से ऊपर की रकम की ज्वैलरी पर ही केवाईसी कराना जरूरी है.






10 लाख से ज्यादा की राशि पर केवाईसी की जरूरत
पीएमएलए के तहत सरकार की ओर से 28 दिसंबर को जारी, नोटिफिकेशन के मुताबिक, नया केवाईसी नियम तब लागू होगा जब महीने भर में एक ग्राहक को 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा रकम की ज्वैलरी बेची गई हो. वित्त मंत्रालय के अनुसार, ज्वैलरी, सोना या कीमती पत्थरों की 2 लाख रुपये से अधिक की कैश खरीदारी पर पहले भी पैन या आधार की जरूरत होती थी. यह नियम जारी है.


मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग रोकने के लिए जारी किया गया है नोटिफिकेशन
पीएमएलए के तहत सरकार ने जो नोटिफिकेशन जारी किया है वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF के नियमों के मुताबिक जरूरी है. FATF मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग पर नजर रखता है. टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए इसके अपने नियम हैं. भारत 2010 से FATF का सदस्य है.


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