Sandeshkhali Violence: संदेशखाली जा रही फैक्ट फाइडिंग टीम को बंगाल पुलिस ने रोका, धरने पर बैठे पटना HC के पूर्व चीफ जस्टिस और अन्य सदस्य
Fact Finding Team In West Bengal: पश्चिम बंगाल के हिंसाग्रस्त संदेशखाली इलाके में पटना हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एल नरसिम्हा रेड्डी के नेतृत्व में एक फैक्ट फाइडिंग टीम पहुंची है.
Fact Finding Team In Sandeshkhali: पश्चिम बंगाल के हिंसाग्रस्त संदेशखाली में पीड़ितों से मिलने के लिए जा रही फैक्ट फाइंडिंग टीम को एक बार फिर पुलिस ने रोक दिया है. खास बात ये है कि छह सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम का नेतृत्व पटना हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एल नरसिम्हा रेड्डी कर रहे हैं.
पुलिस ने संदेशखाली में धारा 144 लागू होने का हवाला देकर फैक्ट फाइंडिंग टीम को संदेशखाली से 52 किलोमीटर दूरभोजेरहाट इलाके में रोका जिसके बाद वे सड़क पर ही धरना देने के लिए बैठ गए. ट्रैफिक जाम और हंगामे के बाद पुलिस ने इन सभी को गिरफ्तार कर लिया और कोलकाता के लाल बाजार स्थित पुलिस मुख्यालय लाकर रिहा किया है.
फैक्ट फाइडिंग टीम में हैं ये लोग
फैक्ट फाइंडिंग टीम में पूर्व जस्टिस एल नरसिम्हा रेड्डी के अलावा, पूर्व आईपीएस राजपाल सिंह, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य चारू वली खन्ना, वकील ओपी व्यास और भावना बजाज के साथ वरिष्ठ पत्रकार संजीव नायक शामिल हैं.
'कानून का पालन नहीं कर रही है पुलिस'
संदेशखाली में मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच के लिए फैक्ट फाइंडिंग टीम पहुंची थी. टीम की सदस्य चारू वली खन्ना ने पुलिस द्वारा उन्हें रोके जाने पर कहा कि हम संदेशखाली जा रहे थे, लेकिन हमें रोक दिया गया. पुलिस ने जानबूझकर हमें रोका और परेशानी खड़ी कर रहे हैं. पुलिस हमें पीड़ितों से मिलने नहीं जाने दे रही है. खन्ना ने कहा कि 'पुलिस को जवाब देना चाहिए कि वह हमें हिरासत में क्यों ले रही है? महिलाओं के खिलाफ जिस तरह की प्रताड़ना की जा रही है, मुझे हैरानी है कि पुलिस ने उस मामले में क्या किया? पुलिस के पास हमें रोकने का कोई कारण नहीं है, सिर्फ इन्हें ऐसा करने के लिए कहा जा रहा है.'
'प्रधानमंत्री से शिकायत करेंगे'
गिरफ्तारी से पहले टीम के अन्य सदस्य ओपी व्यास ने कहा कि 'हम यहां शांतिपूर्ण तरीके से बैठकर पुलिस की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं क्योंकि हमें अवैध तरीके से रोका गया है. यह हमारे अधिकारों के खिलाफ है. हम इसकी शिकायत सीएम, गवर्नर, केंद्रीय गृह मंत्री और प्रधानमंत्री से करेंगे. राम नवमी के दौरान भी हमें इसी तरह रोका गया था क्योंकि वे कुछ छिपाने की कोशिश कर रहे थे. मुझे समझ नहीं आता कि सरकार किस तरह की तस्वीर दिखाना चाहती है. राज्य में संवैधानिक ढांचा तबाह हो रहा है. दुर्भाग्य से पुलिस भी गैरकानूनी आदेशों का पालन कर रही है और कानून अपने हाथ में ले रही है. हम संदेशखाली के पीड़ितों से मिलना चाहती है.'