नई दिल्लीः देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ऊपर से नीचे तक गुटबाजी का सामना कर रही है. शीर्ष स्तर से लेकर तमाम राज्यों में नेताओं का झगड़ा और विवाद एक के बाद एक सामने आने का सिलसिला जारी है. गुटबाजी का ताजा मामला देश के अंदर की किसी ईकाई का नहीं बल्कि विदेशों में कांग्रेस की इकाई यानी ओवरसीज कांग्रेस का है.


ओवरसीज कांग्रेस, कांग्रेस पार्टी की एक इकाई है जो विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के लिए बनाई गई है. वर्तमान में सैम पित्रोदा इसके प्रमुख हैं और विवाद उनके द्वारा हाल में की गई नियुक्तियों के बाद शुरू हुआ है. दरअसल सैम पित्रोदा ने बीते हफ्ते यूरोप के नौ देशों में संगठन के नए अध्यक्षों की नियुक्ति की थी. इसके साथ ही यूरोप की कोर कमिटी का गठन भी किया गया था. लेकिन इस कोर कमिटी के तीन संरक्षकों में से एक सुरिंदर सिंह राणा ने इन नियुक्तियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 


फेरबदल से पहले हॉलैंड ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष रहे सुरिंदर सिंह राणा ने सैम पित्रोदा को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया है कि ऐसे लोगों को ओवरसीज कांग्रेस का "कंट्री हेड" बना दिया गया है जो संगठन के सदस्य तक नहीं हैं. राणा ने ऐसी सभी नियुक्तियों को तत्काल रद्द करने की मांग की है. पित्रोदा को लिखे ई. मेल में राणा ने ओवरसीज कांग्रेस के सह प्रभारी हिमांशु व्यास, यूरोप के पूर्व संयोजक राजविंदर सिंह और यूरोप कोर कमिटी के नए अध्यक्ष प्रमोद कुमार पर उंगलियां उठाई हैं. ओवरसीज कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक नई नियुक्तियों को लेकर संगठन के पुराने लोगों में काफी आक्रोश है. 


abp न्यूज़ से बात करते हुए राणा ने कहा कि जरूरत पड़ी तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा. उनके मुताबिक ओवरसीज कांग्रेस से जुड़े पुराने और अनुभवी लोगों की उपेक्षा कर ऐसे लोगों को पद दिए गए हैं जो नए तो हैं ही और जिनकी खुद की छवि भी अच्छी नहीं है. 


राणा ने कहा कि आने वाले दिनों में पंजाब में विधानसभा चुनाव है जहां हर बार ओवरसीज कांग्रेस के सदस्य प्रचार और सहयोग करने आते रहे हैं. लेकिन अगर यही हाल रहा तो इस बार इसमें काफी कमी देखने को मिल सकती है. 


इस विवाद को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और ओवरसीज कांग्रेस के सह प्रभारी वीरेंद्र वशिष्ठ ने कहा कि यह उनकी जानकारी में नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि सुरिंदर राणा हमारे संगठन के वरिष्ठ सदस्य हैं. पार्टी के अंदर अनुशासन में रहते हुए अपनी बात रखने का सबको अधिकार है. अगर राणा ने कोई शिकायत की है तो संगठन के हित में जो भी जरूरी होगा उसका निष्पादन किया जाएगा.


शिवसेना ने कहा- केंद्रीय सहकारिता मंत्री के तौर पर अमित शाह अच्छा काम करेंगे