FAIMA Meeting With Health Ministry: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार-हत्या मामले पर हर गुजरते दिन के साथ डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग जोर पकड़ रही है. इस कड़ी में स्वास्थ मंत्रालय से डॉक्टर्स डेलीगेशन की रविवार (18 अगस्त) को मुलाकात हुई. खबर है कि ये बैठक निर्णायक नहीं रही.
फैमा (Federation of All India Medical Association) का प्रतिनिधिमंडल निर्माण भवन में स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों से मिला. इस बैठक में देश भर के डॉक्टरों की मांगों पर चर्चा की गई.
प्रतिनिधिमंडल ने रखी ये मांगें
1. प्रतिनिधिमंडल ने देश भर के स्वास्थ्य पेशेवरों (Healthcare professionals) की गंभीर चिंताओं को दूर करने के लिए सीपीए समिति की स्थापना की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया.
2. फैमा ने गृह मंत्रालय को औपचारिक संचार में केंद्रीय संरक्षण अधिनियम (सीपीए) के संबंध में अध्यादेश जारी करने का अनुरोध किया.
3. एनडीएमसी स्वास्थ्य पेशेवर हिंसा अधिनियम का तत्काल क्रियान्वयन किए जाने की मांग की गई.
4. प्रतिनिधिमंडल ने एनडीएमसी स्वास्थ्य पेशेवर हिंसा अधिनियम को तत्काल लागू करने का भी आग्रह किया, जो कोविड-19 महामारी के दौरान प्रभावी था.
25 राज्यों के प्रतिनिधि हुए शामिल
फैमा प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि कोई भी ऐसा निर्णय केवल तभी विचार किया जाएगा जब सभी शर्तें पूरी होंगी. अहम ये है कि बैठक में 25 राज्यों के 70 प्रतिनिधि शामिल हुए. रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन्स (आरडीए) के प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल रहे. इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इन मांगों को पूरी तरह से संतुष्ट करने तक दबाव बनाए रखा जाएगा. फैमा सोमवार (19 अगस्त) को स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ फिर से मिलने की योजना बना रहा है.
गोवा के डॉक्टरों का बड़ा ऐलान
सरकारी गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं रविवार (18 अगस्त) को लगातार तीसरे दिन भी प्रभावित रहीं. रेजिडेंट डॉक्टरों ने कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने तक शुक्रवार से शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस नहीं लेने का संकल्प लिया है.
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