Delhi News: कैंसर की नकली दवा का कारोबार कर रहे रैकेट का भंडाफोड़, दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार
दिल्ली में कैंसर के मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. पैसों के लालच में कुछ मुनाफाखोर कैंसर की नकली दवा बेच कर अपनी जेब भर रहे हैं.
देश की राजधानी में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. कुछ मुनाफाखोर पैसों के लालच में इंसानियत को ताक पर रख कर कैंसर की घटिया/नकली दवा बेच कर अपनी जेब भर रहे हैं. मरीजों को बांग्लादेश से लाई गई घटिया और एक्सपायरी डेट की दवा को नई पैकिंग में पैक करके बेची जा रही है.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के ने इस गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इस गैंग में वकील और फार्मासिस्ट शामिल हैं. ये गैंग हरियाणा के फरीदाबाद और करनाल से ऑपरेट करता है और दिल्ली में नकली दवा की सप्लाई करते थे. इनके पास से कैंसर की बीमारी से लड़ने वाली लाइफ सेविंग दवा के 141 पैकेट बरामद किए गए हैं.
ये हैं आरोपियों के नाम
अमित दुआ(28) पेशे से वकील, जो टैक्सेशन के मामले डील करता है. सद्दाम हुसैन रज़ा अंसारी, एम फार्मा किये हुए है. सोनू चौधरी, ग्रेजुएट है और इस गैंग के एकाउंट्स देखता है, साथ ही दवा के लिए रॉ मटेरियल आदि की व्यवस्था देखता था. अफसर अंसारी नकली दवा की सप्लाई पहुंचाता था.
क्या है मामला
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि इंस्पेक्टर पंकज अरोड़ा की टीम को सूचना मिली कि कुछ लोग दिल्ली में कैंसर के मरीजों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. बांग्लादेश से ग्रे मार्किट के माध्यम से घटिया क्वालिटी की दवा मंगाई जाती हैं और फिर उनकी नई पैकिंग करके भारत मे लोगों को बेची जा रही है. सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने जसोला स्थित लिविंग स्टाइल मॉल के पास से सद्दाम हुसैन रजा अंसारी, सोनू चौधरी, अफसर अंसारी को दबोच लिया. इनके पास से 2 कार्टून बरामद किए, जिनके अंदर से कुल 141 पैकेट कैंसर की दवाइयां बरामद हुई. पुलिस ने तुरंत ही ड्रग डिपार्टमेंट के अधिकारियों को भी सूचित किया ड्रग डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने जांच के बाद बताया कि ये दवाएं घटिया क्वालिटी की हैं, जिससे मरीजों को कोई फायदा नहीं होता.
करनाल से गिरफ्तार किया गया चौथा साथी
पुलिस ने जसोला से पकड़े गए तीन आरोपियों की निशानदेही पर करनाल से अमित दुआ को गिरफ्तार किया. पुलिस का दावा है कि अमित इस पूरे गैंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था. इसकी निशानदेही पर दवा बनाने वाली मशीन, पैकिंग करने वाली मशीन आदि बरामद की. अमित ही नकली दवा बनाने की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट चलवा रहा था, जो फरीदाबाद और करनाल में चलाई जा रहीं थी.
ग्रे मार्किट से मंगवाते थे बांग्लादेश से घटिया और एक्सपायरी दवा
पुलिस ने दावा किया है कि पूछताछ में चारों आरोपियों ने खुलासा किया कि ये लोग लंबे समय से ये गोरख धंधा कर रहे थे. भारत मे कैंसर की दवा काफी महंगी हैं लेकिन बांग्लादेश में दवा सस्ती है. हालांकि बांग्लादेशी दवा की क्वालिटी घटिया है. ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर मे ये लोग ग्रे मार्किट से बांग्लादेश में बनी दवा खरीदते. फिर उस दवा को भारतीय बाजार में बिकने वाली दवा के नाम से दोबारा पैक करते थे. फिर कैंसर के मरीजों को बेच देते थे. पुलिस ने ये भी दावा किया है कि इस गैंग का नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ था. ये नकली दवा सिर्फ दिल्ली एनसीआर में ही नहीं बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी सप्लाई की जा रही थी. ये गैंग मरीजों से आर्डर ले लिया करता था और फिर उन्हें जिंदगी की झूठी आस दिखाकर घटिया और नकली दवा बेच दिया करता था.
मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोग हो सकते हैं इस गैंग का हिस्सा
पुलिस का कहना है कि इस मामले में अभी जांच चल रही है. संभव है कि आने वाले समय में कई और लोग गिरफ्तार किए जाएं, जो मेडिकल क्षेत्र से भी जुड़े हो सकते हैं. पुलिस अलग अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है.
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