वानखेडे के मुताबिक उनकी माता जी मुस्लिम थी इसलिये शुरुवाती दिनों में स्कूल में उन्होंने अपने बेटे का धर्म मुस्लिम लिखवाया था, लेकिन प्राइमरी के बाद उनके पिताजी ने तहसील ऑफिस से लेकर BMC तक इसका सुधार करवाया. जिसके डॉक्यूमेंट वानखेड़े ने कोर्ट को दिए हैं.
डॉक्यूमेंट में स्कूल का LC भी शामिल
डॉक्यूमेंट में वडाला के उस स्कूल का भी लीविंग सर्टिफिकेट शामिल है जिसमे उन्हें मल्हार जाती यानी SC का बताया गया है और पिता का नाम ज्ञानदेव लिखा गया है. समीर के मुताबिक उस वक्त तो वो खुद नाबालिग थे. ऐसे में डॉक्यूमेंट्स में उनकी कोई भूमिका नहीं हो सकती थी.
वहीं दूसरी तरफ समीर दाऊद का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है जिसमें एक आईपीएस अधिकारी जो इनका पड़ोसी था उससे उनकी अनबन हुई औऱ इसके बाद उसके बेटे को 27 A के तहत फसा दिया गया था.
नवाब मलिक ने लगाया था आरोप
दरअसल हाल ही में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) पर फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनवाकर सरकारी नौकरी पाने का आरोप लगाया है. इसी मामले में आज उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने ट्विटर पर साझा किए सर्टिफिकेट को वानखेड़े का असली बर्थ सर्टिफिकेट बताया था. नवाब मलिक ने अपने सोशल मीडिया पर दो ट्वीट किए थे. पहले ट्वीट में उन्होंने वानखेड़े की एक फोटो शेयर की थी. इस फोटो को शेयर करते हुए मलिक ने लिखा पहचान कौन? जबकि एक अन्य ट्वीट में उन्होंने नगर निगम के प्रमाण पत्र की तस्वीर साझा की थी. इस प्रमाण पत्र में समीर के पिता का नाम 'दाउद क. वानखेड़े' लिखा है. वहीं धर्म की जगह पर 'मुस्लिम' लिखा है.
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