नई दिल्ली: साल के पहले पूर्व सेना अध्यक्ष बिपिन रावत ने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद संभाला. पद संभालते ही उनके फोटो और नाम से एक फर्जी लेटर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. इस पत्र में लिखा था, भारतीय थल सेना ने देश की अन्य दो सेनाओं के मुकाबले बेहतर काम किया है. वहीं फर्जी लेटर का प्रेस इन्फोर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने फैक्ट चैक किया है.


न्यू इयर पर देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम से फर्जी लेटर इंटरनेट पर वायरल हो गया. इस लेटर में सबसे पहले तो सेना और उनके परिवार वालों को नए साल की शुभकामनाएं दी गईं. इसके बाद इसमें एक विवादस्पद दावा किया गया.


इसमें लिखा था, "थल सेना ने देश की दो अन्य सेना (नौसेना और वायु सेना) के मुकाबले देश की सीमाओं को सुरक्षित करने का काम बेहतर किया है." लेटर में लिखा गया, "इन दोनों सेनाओं को हमारी तर्ज पर चलना चाहेंगी ताकि वे भी अच्छे परिणाम दे सकें."


वहीं इस फर्जी लेटर का भारत सरकार की प्रेस इन्फोर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने फैक्ट चैक कर पर्दाफाश किया. पीआईबी ने अपने ट्विटर हैंडल से इस लेटर पर "फेक" की मोहर लगाकर शेयर किया. पीआईबी ने अपने ट्विटर लिखा, "जनरल बिपिन रावत का एक कथित पत्र सोशल मीडिया पर घूम रहा है. उनके द्वारा ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा गया. ये एक फर्जी पत्र है."





इससे पहले साल 2018 में भी पीआईबी फैक्ट चेक ट्विटर हैंडल ने फोटोशॉप की गई एक अखबार की कटिंग को भी खारिज किया था, जिसमें दावा किया गया था कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) परीक्षा" के पैटर्न को फर्जी बताया है. आपको बता दें कि, पीआईबी फैक्ट चेक ट्विटर हैंडल सरकार की नीतियों और योजनाओं पर पर दी गई गलत जानकारियों का फेक्ट चैक करता है.


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