नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने एक जींस व्यापारी से 50 लाख रुपये की रंगदारी की मांग करने के आरोप में दो युवकों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक व्यापारी का ही परिचित है, जो व्यापारी के लिए काम भी करता है. लेकिन काम के चलते हुए मतभेद की वजह से उसने व्यापारी को सबक सिखाने की ठानी और फिर नीरज बवानिया बनकर रंगदारी के लिए कॉल कर डाली.
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों के नाम आदिल और मोईन हैं. मोईन कुख्यात बदमाश छेनू पहलवान के ऑफिस पर काम करता है. छेनू पहलवान फिलहाल मकोका के मामले में जेल में बंद है. पुलिस ने इनके पास से रंगदारी के लिए कॉल करने में इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी बरामद कर लिया है. इसके अलावा तीन मोबाइल हैंड सेट, जिनसे कॉल की गई थी. सिम अलग अलग मोबाइल में इसलिए डाले गए ताकि पकड़ में न आएं.
क्या है मामला
अपराध शाखा के एडिशनल कमिश्नर पुलिस शिबेश सिंह ने बताया कि शाहीन बाग में रहने वाले एक जींस व्यापारी ने शाहीन बाग थाना पुलिस को शिकायत दी कि उसे नीरज बवानिया गैंग के नाम पर धमकी भरे फोन कॉल आ रहे हैं. फोन करने वाला खुद को नीरज बवानिया बता रहा है, जो यह दावा करता है कि वह जेल के अंदर से फोन कर रहा है और उसे 50 लाख रुपए रुपए बतौर प्रोटेक्शन मनी चाहिए. अगर रकम नहीं दी गई तो व्यापारी और उसका परिवार अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे. पुलिस ने व्यापारी की शिकायत के आधार पर शाहीन बाग थाना में एफआईआर दर्ज कर ली. इस बीच क्राइम ब्रांच भी इस मामले की जांच में जुट गई और स्टार्स-2 की टीम को सूचना मिली की इस मामले में लिप्त बदमाश नॉर्थ ईस्ट जिले के यमुना विहार इलाके में आने वाला है. एसीपी अरविंद कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर शिव दर्शन की टीम ने यमुना विहार से आदिल को गिरफ्तार कर लिया और उसकी निशानदेही पर उसके दूसरे साथी मोइन को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
क्यों की थी एक्सटॉर्शन कॉल?
पुलिस का दावा है कि पूछताछ में आदिल ने खुलासा किया कि वह नीरज बवानिया बनकर बनकर धमकी भरे कॉल कर रहा था. उसने बताया कि वह व्यापारी को पहले से जानता है. आदिल जींस वॉशिंग का काम करता है और व्यापारी जींस मैन्युफैक्चरिंग का. व्यापारी अपना माल आदिल के पास वाशिंग के लिए भेजा करता था. कुछ समय पहले वाशिंग के दौरान व्यापारी का कुछ माल खराब हो गया था, जिसका पैसा व्यापारी ने काट लिया था और उसी दौरान आदिल और व्यापारी का मतभेद भी हुआ था. तभी से आदिल ने व्यापारी को सबक सिखाने की ठानी थी. साजिश के तहत आदिल ने फर्जी नाम पते पर एक सिम कार्ड लिया और फिर रोहिणी जेल के नजदीक जाकर उसने व्यापारी को धमकी भरी कॉल की. जिसमें उसने खुद को नीरज बवानिया बताया और कहा कि अगर प्रोटेक्शन मनी नहीं दी गई, तो फिर अंजाम भुगतने के लिए तैयार हो जाए.
आदिल का कहना है कि मोईन छेनू पहलवान के ऑफिस पर काम करता था. मोईन को उसने अपने साथ लिया और रुपयों का लालच भी दिया, जिसके बाद दोनों ने मिलकर इस पूरी साजिश को अंजाम दिया. फिलहाल दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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