Fake Currency Black Money Like Jarasandha: केंद्र ने 2016 की नोटंबदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 'जाली नोट आतंकवाद का वित्तपोषण और काला धन' तीन बुराइयां हैं. ये जरासंध की तरह है जिनके टुकड़े-टुकड़े कर दिए जाने चाहिए.
केंद्र की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने न्यायमूर्ति एस ए नज़ीर के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष कहा कि सरकार इन तीन बुराइयों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है.
नोटबंदी से पहले अध्ययन करना था जरूरी
वेंकटरमणी ने कहा, "उन्होंने (याचिकाकर्ताओं) कहा है कि हमें नोटबंदी से पहले अध्ययन करना चाहिए था. एक दशक से अधिक समय से, केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक तीन समस्याओं (जाली नोट, आतंकवाद का वित्तपोषण, काला धन) को देख रहे हैं. वे जरासंध की तरह हैं. आपको इसके टुकड़े-टुकड़े करने हैं. यदि आप इसके टुकड़े नहीं करते हैं, तो यह हमेशा अस्तित्व में रहेगी."
सुप्रीम कोर्ट ने 58 याचिकाओं पर सुनवाई की
संविधान पीठ नोटबंदी को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं पर सुनवाई की. केंद्र ने हाल में एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि नोटबंदी की कवायद एक 'सुविचारित' निर्णय था और यह जाली मुद्रा, आतंकवाद के धन का प्रबंध करना, काला धन तथा कर चोरी के खतरे से निपटने के लिए एक बड़ी रणनीति का हिस्सा थी.
नोटबंदी लागू करने से पहले की गई थी अग्रिम तैयारी
दरअसल, 500 और 1,000 रुपये मूल्य के नोट को चलन से बाहर करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए, केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया था कि भारतीय रिजर्व बैंक के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह कदम उठाया गया था और नोटबंदी लागू करने से पहले अग्रिम तैयारी की गई थी.
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