नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने प्रधानमंत्री के नाम पर फर्जी योजना का ऐलान कर फर्जी वेबसाइट के माध्यम से देशभर के लोगों के साथ ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. जो प्रधानमंत्री के नाम से एक फर्जी योजना चला रहे थे और उसकी एवज में लोगों से पैसे ठग रहे थे.
दिल्ली पुलिस का दावा है कि इन तीनों ने अब तक देश के 24 राज्यों व यूनियन टेरिटरीज के 15,000 से ज्यादा लोगों से रकम वसूल की है. इतना ही नहीं इन लोगों की योजना थी कि आने वाले दिनों में ये लोग देशभर के बच्चों से जुड़ा डाटा अस्पतालों व अन्य संस्थानों को बेचेंगे. पुलिस का दावा है कि ये लोग प्रधान मंत्री शिशु विकास योजना और पीएम शिशु विकास योजना के नाम से फर्जी योजना चला रहे थे. जिसमें लोगों से कहते थे कि भारत सरकार ने यह योजना बच्चों को मुफ्त शिक्षा व मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए चलाई है.
क्या है मामला
दिल्ली पुलिस साइबर सेल के डीसीपी अनयेश रॉय ने बताया कि पिछले दिनों एक शिकायत मिली जिसमें बताया गया कि प्रधानमंत्री शिशु विकास योजना व पीएम शिशु विकास योजना के नाम से फर्जी वेबसाइट www.pmsvy-cloud.in चलाई जा रही है. जिसमें भारत सरकार और प्रधानमंत्री के नाम का इस्तेमाल कर फर्जी योजना शुरू की गई है. ये वेबसाइट चलाने वाले लोग अलग-अलग राज्यों में सक्रिय हैं और अपनी इस परियोजना को लेकर गांव गांव तक में प्रचार कर रहे हैं और लोगों से रकम भी वसूल कर रहे हैं. पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत ही एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की और दो लोगों नीरज पांडे और आदर्श यादव को गिरफ्तार किया. नकी निशानदेही पर बिहार के पटना से सुवेन्द्र यादव को भी गिरफ्तार किया गया.
चौकाने वाला खुलासा
तीनों ने पुलिस के सामने खुलासा किया कि वे फर्जी वेबसाइट चला रहे हैं, जिसमें प्रधानमंत्री के नाम से योजना का दावा करते हैं. उसमें बताया जाता है कि भारत सरकार ने बच्चों की मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जा रही है. जिसका खर्चा भारत सरकार उठाया जाएगा. बच्चों के माता-पिता से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद प्रति बच्चा 250 रुपये फीस के नाम पर वसूली जा रहे थे. तीनों ने खुलासा किया कि वे लोग अब तक उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम, गोवा, अरुणाचल प्रदेश आदि 24 राज्यों व यूनियन टेरिटरीज में सक्रिय हैं.
राज्यों से लेकर जिला तक की थी भर्ती
पुलिस का दावा है कि इन लोगों ने राज्य स्तर और जिला स्तर पर लोगों की नियुक्ति भी की हुई थी. राज्य प्रमुख और जिला प्रमुख, इनके अलावा एजेंट अलग से. ये लोग एक बच्चे की डिटेल की एवज में 250 रुपये वसूल करते हैं, जिसमें से 50 एजेंट को दिए जाते हैं और 100 स्टेट और डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर को दिए जाते हैं. बाकी 150 रुपए ये लोग अपने पास रखते थे. पुलिस का कहना है कि इन लोगों का दावा है कि यह लोग अभी तक 15000 लोगों से रकम वसूल कर चुके हैं.
अस्पतालों व अन्य संस्थाओं को बेचना चाहते थे बच्चों से जुड़ा डेटा
पुलिस का दावा है कि ये ठग बच्चों से जुड़ा डेटा बेचने की साजिश भी रच रहे थे. इन्होंने कई अस्पतालों व अन्य संस्थानों से भी बात की थी और इनकी योजना थी कि आने वाले समय में ये लोग इन बच्चों से जुड़ा डाटा उन लोगों को उपलब्ध कराएंगे और उसकी एवज में भी पैसा कमाएंगे.
आरोपियों का प्रोफाइल
नीरज पांडे (32) बीसीए है और पटना, बिहार का रहने वाला है. आदर्श यादव (28) एमबीए है और अयोध्या, यूपी का रहने वाला है, वहीं सुवेन्द्र यादव पटना के रहने वाला है. सुवेन्द्र पटना में अकेला रहकर बिहार में फर्जीवाड़ा चला रहा था. इनके पास से 7 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप, 2 सीपीयू, नोट पैड और आई कार्ड बरामद किए गए हैं. तीनों ने यह भी खुलासा किया है कि वे पहले मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) से जुड़े कॉल सेंटर में नौकरी कर चुके थे और वहीं से इन्हें फर्जीवाड़ा करने का आईडिया मिला.
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