फर्जी टेलिफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़, ISD कॉल्स को लोकल कॉल्स में किया जा रहा था तब्दील
इस पूरे टेलीफोन एक्सचेंज का इस्तेमाल आतंकियों के कॉल रूट को डायवर्ट करने के लिए भी किया जा रहा था. इससे देश की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा था.
बेंगलुरु में मिलिट्री इंटेलिजेंस और पुलिस के साथ मिलकर फर्जी टेलिफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया है. इस गैरकानूनी सिम-बॉक्स यानी एक्सचेंज के जरिए आईएसडी कॉल्स को लोकल कॉल्स में तब्दील किया जा रहा था. कहा जा रहा है कि इसके जरिए पश्चिम बंगाल में आर्मी हेल्पलाइन को सस्पीशियस कॉल किए गए थे. इन कॉल्स के जरिए आर्मी कॉन्टिजेंट के मूवमेंट और उनकी लोकेशन को पता करने की कोशिश की जा रही थी.
यह पूरा ऑपरेशन मिलिट्री इंटेलिजेंस और बेंगलुरु क्राइम ब्रांच के एटीसी द्वारा किया गया, जिसमें दो लोगों को गिरफ्त में लिया गया था. एक जो कि केरल के मलप्पुरम का है जिसकी पहचान इब्राहिम मुल्लाती बिन मोहम्मद कुट्टी के तौर पर हुई है. वहीं दूसरा शख्स तमिलनाडु के तिरुपुर का रहने वाला है जिसकी पहचान गौतम विश्वनाथ के तौर पर हुई है. इन दोनों आरोपियों ने बेंगलुरु में छह अलग-अलग जगह 30 गैरकानूनी सिम-बॉक्स तैयार कर रखे थे.
इस पूरे टेलीफोन एक्सचेंज का इस्तेमाल आतंकियों के कॉल रूट को डायवर्ट करने के लिए भी किया जा रहा था. इससे देश की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा था. बताया जा रहा है कि पुणे स्थित सेना की दक्षिणी कमान की एमआई यूनिट को जानकारी मिली थी कि बेंगलुरु में सिम-कार्ड और इलेक्ट्रोनिक डिवाइस के जरिए अंतर्राष्ट्रीय कॉल्स को लोकल कॉल में बदलने का गोरखधंधा चल रहा है. इस सूचना पर एमआई ने बेंगलुरु पुलिस की एंटी-टेरेरिस्ट सेल के साथ मिलकर रैकेट का भंडाफोड़ किया. इन दोनों आरोपियों ने करीब 900 सिम कार्ड्स की मदद से आईएसडी कॉल्स को लोकल कॉल में तब्दील करने का पूरा सेट अप तैयार किया था. इससे टेलीकम्युनिकेशन कंपनियों को वित्तीय नुकसान तो था ही, साथ ही देश की सुरक्षा को भी खतरा हो गया था.
बेंगलुरु सिटी पुलिस कमिश्नर ने कहा कि पुलिस अभी जांच में जुटी है कि इस रैकेट के तार कहां-कहां जुड़े थे और इसमें कुल कितने आरोपी शामिल हैं. कमिश्नर ने जानकारी दी कि 30 ऐसे एक्सचेंज बीटीएम लेआउट के 6 जगहों पर चल रही ही. ये 1 सिम बॉक्स में 32 सिम लगाए जाते हैं. ऐसे कुल 30 सिम बॉक्स थे. यानी 960 सिम का प्रयोग इसमें किया जा रहा था.
पुलिस का यह भी कहना है कि इस मामले में गिरफ्तार हुआ इब्राहिम इससे पहले दुबई में ड्राइवर का काम करता था. वहीं गौतम जो है वह इस पूरे सिस्टम को अपडेट कर रहा था. जितनी भी कॉल्स थी वह मिडल ईस्ट से लोकेट हुई हैं. पुलिस अब आगे की जांच में जुटी है कि आखिर और कितने लोग इस टेलीफोन एक्सचेंज में शामिल थे.