Attack on Migrants Video Row: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें दावा किया गया कि तमिलनाडु के प्रवासी मजदूरों पर हमला हुआ. हालांकि, ये वीडियो फर्जी निकला. इस मामले पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आरोप लगाया है कि राज्य में इस तरह के हमलों के बारे में झूठ फैलाया जा रहा है और ये झूठ हाल ही में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता के आह्वान के बाद फैलाया गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, स्टालिन ने इसके लिए बीजेपी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी प्रवासी मजदूर पर हमला नहीं किया गया है. ऐसे कई कार्यकर्ता लंबे समय से तमिलनाडु में कार्यरत थे और उन्हें कभी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा.
क्या कहा एमके स्टालिन ने?
डीएमके के अध्यक्ष ने कहा, “कुछ लोग नकली वीडियो तैयार कर रहे हैं और झूठ फैला रहे हैं. उत्तर भारत में बीजेपी के नेताओं ने एक एजेंडे के साथ ऐसा किया. ऐसा करने के पीछे भी एक साजिश है. ये झूठ उसके अगले दिन फैलता है जब मैंने बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की बात की.” दरअसल, 1 मार्च को स्टालिन ने अपने जन्मदिन के मौके पर एक रैली की थी जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के अलावा कई दिग्गज नेताओं ने हिस्सा लिया था. इसमें उन्होंने साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता पर जोर दिया था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कथित हमलों के बारे में जानकारी मिलने के तुरंत बाद, उन्होंने पूछताछ की कि क्या प्रवासी श्रमिकों को राज्य में कहीं भी टारगेट किया गया था लेकिन ऐसा कुछ नहीं निकला.
क्या है मामला?
एक फ़ेसबुक यूज़र ने यात्रियों से खचाखच भरी एक ट्रेन का वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि बिहार के प्रवासी बड़ी संख्या में तमिलनाडु से अपने गृह राज्य लौट रहे हैं. पीटीआई फैक्ट चेक ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में ट्रेन बिहार की राजधानी पटना और झारखंड के बरका काना के बीच यात्रा करती है. इससे पहले भी, एक हिंदी अखबार की कथित क्लिपिंग दिखाने वाली एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया था कि तमिलनाडु में हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों की कथित हत्या की सूचना पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की जांच के बाद फर्जी निकली थी.