दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इंटरनेशनल फेक वीजा रैकेट का भांडाफोड़ किया है, पुलिस ने इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें से एक आरोपी नेपाल का रहने वाला है. दरअसल क्राइम ब्रांच को नेपाल एंबेसी से कई शिकायतें मिली थी, जिसमें ये बताया गया कि दिल्ली और नेपाल के कुछ लोग नेपाल के लोगों को इंटरनेशनल वीजा बनाने की आड़ में ठग रहे हैं. क्राइम ब्रांच ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की, क्राइम ब्रांच को जांच के दौरान पता चला कि ये इंटरनेशनल फेक वीजा रैकेट नेपाल से चल रहा है जिसके तार भारत में भी फैले हैं.


ठगी के इस मामले में क्राइम ब्रांच ने सबसे पहले जितेंद्र मंडल नाम एक नेपाली शख्स को गिरफ्तार किया. जब उससे पूछताछ की गई तो इसने बताया कि यही शख्स ठगी के लिए शिकार को तलाशता था और उसके बाद भारत में बैठे अपने लोगों से संपर्क कर शिकार को ठग लिया करता था.


दरसअल जितेन्द्र ही वो शख्स है जो नेपाल के लोगों को विदेश में कमाई का सपना दिखता था. वह उनसे ये कहता था कि उसके भारत में ऐसे लोग हैं जो कुछ कीमत पर आपको विदेश का वीजा लगवा सकते हैं. जैसे ही शिकार उसके झांसे में आता था वो दिल्ली में बैठे लोगों से संपर्क करता था जो फेक वीजा की कॉपी व्हाट्सएप पर भेज देते थे. शिकार हुआ शख्स फेक वीजा की कॉपी को असली समझकर उसे पैसे दे देता था, इसके बाद ये फ़ोन बंद कर के फरार हो जाता था.


इतना ही नहीं ये गैंग कुछ नेपाली लोगों को विश्वास दिलाने के लिए भारत भी बुला लेते थे, बाकायदा उनका मेडिकल करवाया जाता था ताकि उनको ये विश्वास हो सके कि वो जहां पैसे दे रहे है वो लोग सही हैं.


एक वीजा के बदले ये गैंग 5 लाख रुपये लेता था. क्राइम ब्रांच के मुताबिक ये गैंग अबतक 100 से ज्यादा नेपाली लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना चुका है, जो कि पिछले दो साल से ठगी के इस धंधे को कर रहे थे. ये गैंग लोगों को ब्राजील, यूके, कनाडा का वीजा लगवाने की बात कहता था, पुलिस ने इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है जिनसे पूछताछ की जा रही है.