नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी के भीतर रामविलास पासवान के परिवार में चल रही रस्साकशी का असर आज पूर्व सांसद और रामविलास पासवान के सबसे छोटे भाई रामचंद्र पासवान की दूसरी पुण्यतिथि पर भी दिखा. आज रामचंद्र पासवान की दूसरी पुण्यतिथि थी. रामचंद्र पासवान रामविलास पासवान के छोटे भाई थे. दिल का दौरा पड़ने के बाद 21 जुलाई 2019 को उनका देहांत हो गया.


पिछले साल जब उनकी पहली पुण्यतिथि मनाई गई तब पूरे परिवार ने उन्हें एक साथ श्रद्धांजलि दी थी लेकिन इस बार परिवार के भीतर चल रही राजनीतिक खींचतान ने ऐसा नहीं होने दिया. पशुपति पारस ने रामचंद्र पासवान के बेटे और सांसद प्रिंस राज के साथ उन्हें अपने सरकारी निवास पर श्रद्धांजलि दी. पशुपति पारस उसी बंगले में रहते हैं जिसमें रामचंद्र पासवान रहा करते थे.






उधर चिराग पासवान ने अपने स्वर्गीय चाचा को अलग श्रद्धांजलि दी. चिराग पासवान ने अपने आवास पर रामचंद्र पासवान को श्रद्धांजलि दी. उनके साथ उनकी मां और उनकी बहन भी मौजूद थीं. चिराग पासवान ने श्रद्धांजलि देते तस्वीरों को ठीक उसी समय ट्वीट किया जब पशुपति पारस अपने घर पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे थे. चिराग पासवान ने ट्वीट किया. 'समस्तीपुर लोकसभा के पूर्व सांसद और मेरे छोटे चाचा जी स्वर्गीय रामचंद्र पासवान जी की पुण्यतिथि पर उनको नमन करता हूं. पहले छोटे चाचा जी फिर पापा के निधन के कारण पिछले दो वर्ष परिवारिक तौर पर बेहद कष्ट देने वाले रहे हैं. छोटे चाचा जी की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता. विनम्र श्रद्धांजलि.'


आगे बढ़े चिराग पासवान


वहीं पशुपति पारस भी मीडिया से बात करते हुए भावुक हो गए. अपने बड़े भाई रामविलास पासवान और छोटे भाई रामचंद्र पासवान को याद करते हुए कहा कि पिछले दो सालों में दो भाइयों को खोना उनके लिए दर्द भरा अनुभव रहा है. चिराग पासवान के साथ चल रही राजनीतिक तल्खी के बीच पारस ने कहा कि उनके लिए अपने और रामचंद्र पासवान के बेटों और चिराग पासवान के बीच कोई फर्क नहीं है. पारस ने कहा कि वो चाहते हैं कि चिराग पासवान और आगे बढ़ें.


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