Organs Donation: 50 साल का शख्स हो चुका था ब्रेन डेड, परिवार ने अंगदान करके बचा ली 4 जिंदगियां
AIIMS: कहते हैं जिंदगी देने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है. इसी तरह का एक मामला सामने आया है जिसमें एक शख्स ने जाते-जाते अपने अंग दान करके 4 जिंदगियों को बचाया है.
Organs Donate: दिल्ली के एम्स में ब्रेन डेड घोषित किए गए 50 साल के शख्स के परिवार ने अंगदान करके 4 मरीजों को नया जीवन दिया है. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस शख्स का नाम बिजेंदर शर्मा है और उनके अंग नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (NOTTO) के माध्यम से दान किए गए हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बिजेंदर शर्मा का दिल फोर्टिस एस्कॉर्ट्स में एक मरीज में जबकि, उनका लिवर आईएलबीएस अस्पताल में ट्रांसप्लांट किया गया था. इसके अलावा, बयान में कहा गया है कि उनके गुर्दे दिल्ली एम्स और सेना अस्पताल (रिसर्च एंड रेफरल) में दो रोगियों में प्रत्यारोपित किए गए थे. तो वहीं, उनके क़ॉर्निया को एम्स में नेशनल आई बैंक में रखा गया है.
कौन थे बिजेंदर शर्मा?
एम्स की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि अंगदान करने वाले बिजेंदर शर्मा एक फर्नीचर डिजायनर थे. वो 30 जनवरी को अपने काम से घर वापस आ रहे थे, तभी उनका फरीदाबाद में एक्सीडेंट हो गया था. इसके बाद उनको नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. उधर, घर पहुंचने में देरी होते देख शर्मा के बेटे ने उन्हें फोन किया तो फोन किसी अजनबी ने उठाया और उनके एक्सीडेंट के बारे में जानकारी दी.
इसके बाद, मरीज को 31 जनवरी की सुबह एम्स के ट्रॉमा सेंटर लाया गया और उसी दिन उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था क्योंकि उनके सिर में गंभीर चोटें आईं थीं. बयान में कहा गया कि अंगदान के बारे में जब परिवार को बताया गया तो परिवार ने सर्वसम्मति से इसके लिए सहमति जताई.
क्या कहा बिजेंदर शर्मा के बेटे ने?
अंगदान करने वाले बिजेंदर शर्मा के बेटे मिथिलेश शर्मा ने कहा, “मेरे पिता बेहद नेक दिल और सामाजिक इंसान थे. हमने उन्हें एक दुर्घटना में खो दिया और हमारी कामना है कि उनके अंग दूसरे बीमार लोगों के काम आएं और उन्हें नया जीवन दें. जब वो जिंदा थे तब भी उन्होंने सभी की मदद की थी और जब वो हमसे अलग हो रहे हैं तब भी वो यही कर रहे हैं.”
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