(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
एक ऐसा विवाह जिसमें ईको फ्रेंडली कार्ड का हुआ इस्तेमाल
परंपरागत तरीके को छोड़कर लोग ईको फ्रेंडली की तरफ बढ़ रहे हैं. शादी को यादगार बनाने के लिए लोगों को ये तरीका बहुत पसंद आ रहा है.
भोपाल: क्या आपने ईको फ्रेंडली शादी के बारे में सुना है? शादियों को यादगार बनाने के लिए बैंड, बाजा, बाराती और आतिशबाजी तो आम बात है. लेकिन अब बात इससे आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करने के लिए ईको फ्रेंडली शादी का चलन बढ़ रहा है. इस तरह की शादी परंपरागत रूप से अलग तो होती ही है साथ ही लोगों में पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संदेश भी जाता है. ऐसी ही ईको फ्रेंडली शादी भोपाल में देखने को मिली. ये अनूठी शादी इस वजह से चर्चा में रही कि इसमें कार्ड के बजाय गमलों में लगे पौधे का इस्तेमाल किया गया.
ईको फ्रेंडली शादी की चर्चा
कारोबारी प्रंशु कनकने और उसके भाई प्रतीक ईको फ्रेंडली शादी से प्रभावित थे. जब प्रशुं की शादी का मौका आया तो पूरे परिवार ने शादी को यादगार बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.
प्रतीक कहते हैं,” हमलोगों ने खाने की बर्बादी से बचने के लिए पेपर के बजाय ई निमंत्रण भेजना पसंद किया. ई कार्ड से हमलोगों ने ना सिर्फ कार्ड के इस्तेमाल को रोका बल्कि आरएसवीपी विकल्प ने खाने की बर्बादी को रोकने में मदद की.“ हालांकि परंपागत कार्ड के इस्तेमाल ना करने पर घर में थोड़ा विरोध हुआ. उनकी मां का मानना था कि परिजनों और दोस्तों से मुलाकात का अच्छा माध्यम कार्ड ही है. लिहाजा अपनी मां की इच्छा की पूर्ति के लिए ग्रीन निमंत्रण के तौर पर गमलों में लगे पौधे को अपनाया गया और उसके ऊपर दूल्हा और दुल्हन का नाम प्रिंट करवाकर लोगों तक भेजा. ग्रीन निमंत्रण का विचार लोगों में बहुत पसंद किया गया. तुलसी के साथ 4-5 तरह के पौधे को निमंत्रण के तौर पर पाकर लोगों ने बहुत तारीफ की.
प्रतीक इसकी कीमत के बारे में बताते हुए कहते हैं,”कार्ड की लागत को कम करना बहुत चुनौती थी. उससे भी बड़ी चुनौती थी लोगों को जागरुक करने की. प्रतीक कहते हैं," प्रंशु कनकने की शादी को यादगार बनाने के लिए रॉबिनहुड आर्मी का सहयोग लिया. और बचे हुए खाने को संस्था के माध्यम से गरीबों तक पहुंचाया गया.