मुंबई: मशहूर फिल्मकार और अभिनेता अमोल पालेकर को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में अवरोधों के कारण अपना भाषण बीच में ही खत्म करना पड़ा. फिल्मकार पालेकर मोदी सरकार के संस्कृति मंत्रालय के कामकाज की आलोचना कर रहे थे और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जारी हमले के बारे में बात कर रहे थे. इसपर कार्यक्रम के आयोजकों ने उन्हें बार-बार बोलने से मना किया. इस अवरोध के बाद पालेकर को अपना भाषण बीच में ही खत्म करना पड़ा. अब इस मसले पर वह पुणे स्थित पत्रकार भवन में आज दिन के दो बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.


फिल्मकार अमोल पालेकर अपने स्पीच के दौरान संस्कृति मंत्रालय के उस आदेश की आलोचना कर रहे थे जिसके तहत मंत्रालय ने मुंबई और बेंगलुरु के नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एनजीएमए गैलरीज) से लोकल आर्टिस्ट के एडवाइजरी कमिटी को खत्म कर दिया है और इसके ऊपर अपना कंट्रोल हासिल कर लिया.


पालेकर को जब कार्यक्रम के एक अधिकारी ने भाषण के दौरान टोका तो उन्होंने कहा कि आप मुझे बोलने से मना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर आप नहीं चाहते हैं कि मैं बोलूं तो मैं नहीं बोलूंगा और इसके बाद पालेकर पोडियम से चले गए और जाकर बैठ गए.


अमोल पालेकर के अधूरे भाषण का वीडियो पोस्ट करते हुए कांग्रेस नेता अनु टंडन ने लिखा है कि वर्तमान समय में असहिष्णुता यही है. यह दुखी करने वाला है. उन्होंने लिखा कि कल्चर मिनिस्टरी की आलोचना करने के कारण एक अभिनेता को बोलने से रोका गया.





पालेकर ने अपने फिल्ली कॅरियर की शुरुआत 1974 में आई फिल्म रजनीगंधा से की थी. वह गोलमाल, मेरी बीवी की शादी, नरम-गरम, श्रीमान-श्रीमती, घरौंदा जैसी फिल्में कर चुके हैं. पालेकर को गोलमाल के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला है.


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