कुरूक्षेत्रः प्रसिद्ध इतिहासकार विश्वनाथ दत्त का सोमवार को नई दिल्ली स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. वे 94 साल के थे. उनकी पुत्री नोनिका दत्त ने इसकी जानकारी दी. दत्त कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एमेरेटस और भारतीय इतिहास कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष थे.


कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति सोम नाथ सचदेव और प्रोफेसर भीम एस दहिया सहित कई शिक्षाविदों ने इतिहासकार के निधन पर शोक जताया है. कुलपति सोम नाथ सचदेव उनके निधन पर कहा कि दत्त का अकेडमिक केरियर शानदार रहा और उनकी मृत्यु के साथ ही कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने एक मार्गदर्शक व्यक्ति खो दिया.


विश्व नाथ दत्त ने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज , लखनऊ विश्वविद्यालय में और ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई की. दत्त ने आधुनिक भारत पर कई पुस्तकें लिखीं. उनके सबसे नोटेबल वर्क में 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड, अमृतसर: अतीत और वर्तमान, और स्वतंत्रता सेनानी मदन लाल ढींगरा की जीवनी जैसी किताबें शामिल हैं.


कई चर्चित किताबें भी लिखी
दत्त की 1967 चर्चित पुस्तक अमृतसर: अतीत और वर्तमान प्रकाशित हुई. यह किताब अमृतसर शहर का इतिहास समेटे हुए है. इसके दो साल बाद जलियांवाला बाग नरसंहार की 50 वीं वर्षगांठ पर उन्होंने जलियांवाला बाग लिखी. उन्होंने ट्रिब्यून के 130 साल के इतिहास से संबंधित पुस्तक लिखी.


इसके अलावा मौलाना आजाद और सरमद, गांधी और भगत सिंह , सती: ए हिस्टोरिकल, सोशल और फिलोसोफिकल इंक्वायरी इन द हिंदू राईट ऑफ विडो-बर्निंग जैसी किताबों के भी वे लेखक रहे. दत्त के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा तीन बेटियां हैं.


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