नई दिल्ली: मशहूर वकील और आरजेडी से राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी का आज सुबह लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया, वे 95 साल के थे. राम जेठमलानी के बेटे और वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने बताया कि उनके पिता का अंतिम सरकार लोधी रोड स्थित शवदाहगृह में आज शाम को किया जाएगा. बता दें कि आज से दो साल पहले उन्होंने सक्रिय वकालत छोड़ दी थी. पिछले कई महीनों से बिस्तर पर थे. राम जेठमालीन के निधन से देश न्यायिक क्षेत्र में एक युग के अंत माना जा रहा है. जेठमलानी के निधन पर सुप्रीम कोर्ट के कई दिग्गज वकीलों ने दुख जताया है.


प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने जेठमलानी के निधन पर दुख व्यक्त किया और कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि उनके साथ बातचीत करने के कई मौके मिले. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ''श्री राम जेठमलानी जी के निधन से भारत ने एक असाधारण वकील और प्रतिष्ठित सार्वजनिक व्यक्ति को खो दिया, न्यायालय और संसद दोनों में उनका समृद्ध योगदान रहा. वह मजाकिया, साहसी और कभी भी किसी भी विषय पर मजबूती से अपनी बात कहने से नहीं कतराते थे.''


पीएम ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ''श्री राम जेठमलानी जी के सबसे अच्छे पहलुओं में से एक उनके मन की बात कहने की क्षमता थी और उन्होंने बिना किसी डर के अपने मन की बात कही. आपातकाल के काले दिनों के दौरान उनकी स्वतंत्रता और सार्वजनिक स्वतंत्रता के लिए लड़ाई को याद किया जाएगा. जरूरतमंदों की मदद करना उनके व्यक्तित्व का एक अभिन्न हिस्सा था. मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे श्री राम जेठमलानी जी के साथ बातचीत करने के कई अवसर मिले. इन दुखद क्षणों में, उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना. अब वो नहीं है लेकिन लेकिन उनका काम हमेशा मार्गदर्शन करेगा. शांति.''


अमित शाह ने घर जाकर किए अंतिम दर्शन, कहा- एक वकील ही नहीं जिंदादिल इंसान खोया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राम जेठमलानी के घर जाकर उनके अंतिम दर्शन किए. अमित शाह ने दुख जताते हुए ट्वीट किया, ''भारत के वयोवृद्ध वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री राम जेठमलानी जी के निधन के बारे में जान कर गहरी पीड़ा हुई. हमने ना केवल एक प्रतिष्ठित वकील को खो या बल्कि एक जिंदादिल महान इंसान को भी खोया है. राम जेठमलानी जी का निधन पूरे कानूनी समुदाय के लिए एक अपूरणीय क्षति है. कानूनी मामलों पर उनके विशाल ज्ञान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी संवेदना. शांति शांति शांति.''






आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, ''देश के वरिष्ठतम अधिवक्ता, पूर्व क़ानून मंत्री और आरजेडी से राज्यसभा सांसद आदरणीय श्री राम जेठमलानी जी के निधन पर शोक प्रकट करता हूं. भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.''






17 साल की उम्र में एलएलबी की और 18 की उम्र में शुरू कर दी वकालत
14 सितंबर 1923 को पाकिस्तान के सिंध में जन्मे रामजेठमलानी आपराधिक मामलों के जाने माने वकील रहे. वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कानून मंत्री भी रहे. वे बार बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी रहे. उन्होंने कई हाई प्रोफाइल आपराधिक मामलों को लड़ा और जीते. राम जेठमलानी के नाम के बेहद खास रिकॉर्ड है, आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने 17 साल की उम्र में ही वकालत पास कर ली थी. ऐसा करने वाले वे देश के पहले और इकलौते शख्स थे. उस वक्त कोर्ट में प्रक्टिस करने की औपचारिक उम्र 22 साल होती थी लेकिन राम जेठमलानी ने अपना खुद का केस तैयार किया और उसे कोर्ट में पेश किया. इसके बाद कोर्ट की विशेष अनुमति के बाद उन्हें अपना केस लड़ने का मौका मिला और इस तरह उन्होंने 18 साल की उम्र में वकालत शुरू कर दी थी.


जब 500 लोगों के बीच अचानक नाचने लगे जेठमलानी
राम जेठमलानी के निधान पर वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''मेरे साथ उनका पुराना संबंध था, हमेशा वे घनिष्ठ मित्र की तरह रहे. बेहद खुले दिल के आदमी थे, अपनी बात प्रखर और निडर रूप से रखते थे. उनके और मेरे विचार भिन्न होते थे लेकिन मतभेद कभी मनभेद में नहीं बदले. मैंने कई शाम उनके साथ बैठा. आखिरी बार मैं एक महीने पहले ही उनके घर गया था. मैंने उनसे स्वास्थ को लेकर चर्चा की थी. वे आखिरी समय तक राज्यसभा में रहे, मैं उनसे मजाक करता था कि आपने कोई पार्टी नहीं छोड़ी जिससे राज्यसभा ना आए हो. आज मुझे व्यक्तिगत क्षति हुई. वे संगीत के बड़े शौकीन थे, मेरी पत्नी गायिका हैं. एक कार्यक्रम में मेरी पत्नी ने दमादम मस्त कलंदर गाना गाया जिस पर उन्होंने करीब 500-600 लोगों के बीच में खुल कर डांस किया.''


कानून मंत्री बोले- वे हमेशा एक सर्वोच्च उदाहरण रहेंगे
केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने भी राम जेठमलानी के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि उनकी कानून की समझ हमेशा एक न्यायिक व्यवसाय में हमेशा एक सर्वोच्च उदाहरण बनकर रहेगी. रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया, ''अनुभवी वकील और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी के निधन पर गहरा हुआ. उनकी प्रतिभा, वाक्पटुता, शक्तिशाली वकालत और कानून समझ कानूनी पेशे में एक योग्य उदाहरण बनी रहेगी. मेरी गहरी संवेदना.''






केजरीवाल बोले- इस शून्य को भरा नहीं जा सकता
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी जेठमलानी के निधन पर दुख जताया. उन्होंने लिखा, ''प्रसिद्ध वकील राम जेठमलानी जी के निधन पर अत्यंत दुख हुआ. वे अपने आप में एक संस्था थे, स्वतंत्रता के बाद के भारत में उन्होंने आपराधिक कानून को आकार दिया. उनके जाने से पैदा हुआ शून्य कभी नहीं भरा जाएगा और उनका नाम कानूनी इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा.''