(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
निकिता तोमर हत्या मामले में दोनों आरोपियों को उम्रकैद की सज़ा, पढ़ें कोर्ट रूम में क्या-क्या हुआ
बचाव पक्ष की तरफ से कहा गया कि दोनों ही दोषी करार लड़के इससे पहले किसी अपराध में शामिल नहीं रहे हैं. हालांकि बचाव पक्ष के इस बिंदु पर पीड़ित पक्ष ने आपत्ति जताते हुए अदालत के समक्ष यह भी कहा कि तौसीफ ने 2018 में भी निकिता का अपहरण किया था.
नई दिल्ली: फरीदाबाद के बहुचर्चित निकिता तोमर हत्याकांड मामले में आज फरीदाबाद की फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सरताज बसवाना की अदालत ने आरोपियों तौसीफ और रेहान को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही दोनों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
बता दें कि इस हत्याकांड को 26 अक्टूबर 2020 को बल्लभगढ़ में अग्रवाल कॉलेज के बाहर अंजाम दिया गया था. शुक्रवार सुबह लगभग 11:15 बजे सजा को लेकर बहस की शुरुआत हुई. पीड़ित पक्ष की तरफ से वकील संजीव सिंह राव ने अदालत के समक्ष कहा कि यह हत्याकांड बेहद संगीन है. इसके आरोपियों ने इस हत्याकांड को अंजाम अहम(ईगो) के चलते दिया. आरोपी तौसीफ के मन में यह बात थी कि पीड़िता को उसकी बात माननी चाहिए, नहीं तो उसे जीने का अधिकार नहीं है. ऐसी सोच को समाज से खत्म करने के लिए सख्त से सख्त सजा देना जरूरी है.
वकील संजीव सिंह राव ने कहा कि यह हत्याकांड दिनदहाड़े सरेआम अंजाम दिया गया था. यही वजह है कि अदालत इन दोषियों को ऐसी सजा सुनाए, जो मिसाल बने और एक उदाहरण पेश हो, जिससे कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कमी आए. सजा ऐसी दी जाए कि जब तक ये दोषी जीवित रहें तब तक इन्हें अपने किये का एहसास होता रहे.
पीड़ित पक्ष की इस दलील के बाद बचाव पक्ष की तरफ से भी दलील दी गई, जिसमें बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि दोनों ही दोषी करार लड़के तौसीफ और रेहान 20 से 22 साल की उम्र के लड़के हैं. दोनों छात्र हैं. ये दोनों पेशेवर अपराधी नहीं हैं. इसके अलावा जेल के अंदर भी इन दोनों का चाल चलन और व्यवहार अच्छा रहा है. सजा सुनाने से पहले अदालत को इन सभी बिंदुओं को भी ध्यान में रखना चाहिए. इन्हें कैपिटल पनिशमेंट न दी जाए.
बचाव पक्ष की तरफ से यह भी कहा गया कि दोनों ही दोषी करार लड़के इससे पहले किसी अपराध में शामिल नहीं रहे हैं. हालांकि बचाव पक्ष के इस बिंदु पर पीड़ित पक्ष ने आपत्ति जताते हुए अदालत के समक्ष यह भी कहा कि तौसीफ ने 2018 में भी निकिता का अपहरण किया था, लेकिन बाद में जब लड़के के परिवार वालों ने माफी मांग ली थी और समाज को ध्यान में रखते हुए पीड़ित पक्ष की तरफ से समझौता कर लिया गया था. इससे यह बात भी सामने आती है कि तौसीफ का यह अपराध पहला नहीं था. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सरताज बसवाना ने दोपहर 3:30 बजे फैसला सुनाने की बात कही. हालांकि बाद में 4 बजे फैसला सुनाया गया.
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