नई दिल्ली: कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर इच्छा शक्ति होती तो समाधान के लिए एक ही बैठक काफी है. इसके लिए 56 इंच की छाती नहीं सीने में दिल चाहिए. सुरजेवाला ने सवाल किया कि कृषि मंत्री कह रहे हैं कि 2 बैठकों के बाद भी कृषि कानूनों पर कोई नतीजा नहीं निकला, क्या गिनती जोड़ रहे थे?
रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए कहा, "कृषि मंत्री कह रहें हैं 12 बैठकों के बाद भी काले क़ानूनों पर कोई नतीजा नही निकला! क्या गिनती जोड़ रहे थे. समाधान के लिए 1 ही बैठक काफी है, इच्छा शक्ति हो तो. 56 इंच की छाती नही सीने में दिल चाहिए. जय किसान, जय हिंदुस्तान! #धोखेबाजों_से_सावधान #किसान_एकता_ज़िंदाबाद."
अपने एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, "गाँव भाना, कैथल, हरियाणा के 55 वर्षीय बलदेव सिंह ढुल ने #किसान_आंदोलन में क़ुर्बानी दी। कितनी और क़ुर्बानी लेगी मोदी सरकार? क्या खट्टर साहेब का दिल नहीं पसीजता? कहाँ है निर्दयी दुष्यंत चौटाला और जजपा? ईश्वर सब देख रहा है, भाजपा-जजपा को सजा भुगतनी होगी."
कांग्रेस ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से इस्तीफे की मांग की. कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से जुड़े ‘कुछ किसान नेताओं को मारने की साजिश’ मामले की निष्पक्ष जांच के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को इस्तीफा देना चाहिए और राज्य सरकार को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने किसानों के आंदोलन स्थल से एक युवक के पकड़े जाने और उससे जुड़े वीडियो सामने आने का हवाला देते हुए यह मांग की.
गौरव वल्लभ ने दावा किया, ‘‘ किसान आंदोलन को लेकर पहले ध्यान भटकाने की कोशिश हुई, फिर किसान संगठनों को बांटने का प्रयास किया गया. इसके बाद आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास हुआ. अब आंदोलन को हिंसा के जरिए नष्ट करने का प्रयास हो रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ एक व्यक्ति किसान नेताओं को मारने की साजिश की खुलासा करता है. इसके बाद पुलिस हिरासत में पूछताछ का उसका एक वीडियो सामने आता है. ऐसा तो पहली बार हो रहा है कि पुलिस हिरासत में किसी व्यक्ति की पूछताछ का वीडियो सामने आए.’’ कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया, ‘‘किसके इशारे पर यह पाप होने जा रहा था? हरियाणा पुलिस किसको बचाने का प्रयास कर रही है?
वल्लभ ने कहा, ‘‘इस मामले में पुलिस कुछ कह रही है और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कुछ दूसरी बात कर रहे हैं. दोहरा मापदंड नजर आ रहा है। इस तरह की सरकार को नैतिक और कानूनी दृष्टि से सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है. मुख्यमंत्री इस्तीफा दें और इस सरकार को तत्काल बर्खास्त किया जाए. इस मामले का सच सामने लाने के लिए यह जरूरी है.’’
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