Arvind Kejriwal on One Year of Farmers Protest: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को आज (26 नवंबर) एक साल पूरे हो गए. किसानों के प्रदर्शन के आगे केंद्र सरकार को झुकना पड़ा और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा. सरकार के इस कदम के बाद भी दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं और उनका आंदोलन जारी है. तीनों कृषि कानूनों के विरोध की पहली बरसी पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने केंद्र सरकार (Central Government) पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि केंद्र ने तीनों काले कानून बिना किसी से पूछे अपनी बहुमत के आधार पर संसद से पास किया. सरकार को लगता था कि किसान आएंगे चीखेंगे, चिल्लाएंगे और चल जाएंगे.

  


अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों के आंदोलन में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग शामिल हुए और सबने दुआ दी. केजरीवाल ने पंजाब के किसानों को बधाई दी और कहा कि इस आंदोलन की अगुवाई उन्हीं ने की. ये इतिहास का सबसे लंबा आंदोलन रहा है. ये वो आंदोलन है जो अपनी ही चुनी हुई सरकार के खिलाफ है. 


'शहीद किसानों की आत्मा को शांति मिलेगी'


दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी से 700 शहीद किसानों की आत्मा को शांति मिलेगी. इस आंदोलन के दौरान किसानों को खालिस्तानी कहा गया, अपशब्द भी कहे गए, लेकिन वे शांतिपूर्वक बैठे रहे. आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा. ये आंदोलन आजादी की लड़ाई से कम नहीं था. 


अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार से स्टेडियम को जेल बनाने को कहा गया था, लेकिन हमने नहीं किया. हमने किसानों की मदद की. उन्होंने कहा कि शहीद हुए किसानों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए और किसानों पर से झूठे केस वापस हों. 


बीजेपी ने दिल्ली सरकार को घेरा 


एक ओर जहां कृषि कानूनों के मुद्दे पर केजरीवाल ने केंद्र सरकार को घेरा है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है. आज दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही के दौरान बीजेपी विधायकों ने नई शराब नीति, शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण और ईंधन पर उच्च मूल्य वर्धित कर (वैट)जैसे विभिन्न मुद्दों पर सुनवाई की मांग की.


विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने इन मुद्दों पर किसी भी चर्चा से इनकार करते हुए कहा कि एक दिवसीय सत्र एक विशेष उद्देश्य के लिए बुलाया गया है और केवल एजेंडे में सूचीबद्ध विषयों पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसी अन्य चर्चा की अनुमति नहीं दी जाएगी. यह सुनते ही बीजेपी विधायक सरकार विरोधी नारे लगाने लगे.


राम निवास गोयल ने बीजेपी विधायकों को चेतावनी दी कि वे शांत हो जाएं अन्यथा उनके निर्देशों की अवहेलना करने के लिए बाहर निकाले जाने के लिए तैयार रहें, लेकिन बीजेपी विधायक नहीं माने. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शलों को  मोहन सिंह बिष्ट और अनिल बाजपेयी  को सदन से बाहर ले जाने के लिए कहा.


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