Farmer Leaders on Farm Laws Repeal Bill: कृषि कानून की वापसी के बाद किसान संगठनों का आंदोलन जारी रहेगा या घर वापसी करेंगे ये अभी तक तय नहीं हो पाया है. किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे या घर लौटने का विकल्प चुनेंगे इसे लेकर बुधवार यानि कि एक दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की महत्वपूर्ण बैठक होगी. हालांकि, राकेश टिकैत जैसे बड़े किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून लाने की मांग कर रहे हैं.


बता दें कि सरकार की ओर से संसद में कानून वापसी लेने के दौरान सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के 32 किसान संगठनों ने बैठक की. जानकारी के मुताबिक पंजाब के कुछ किसान संगठन आंदोलन खत्म करना चाहते हैं. हालांकि कुछ किसान संगठन एमएसपी और अन्य बाकी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखना चाहते हैं. ऐसे में किसान संगठनों के बीच आम राय नहीं बन पा रही है.


संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से एमएसपी पर कानून बनाने के अलावा आंदोलन के दौरान मृतक किसानों के परिजनों को मुआवजा देने और उनकी स्मारक बनाने, प्रदर्शनकारी किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस लेने, बिजली संशोधन बिल वापस लेने के अलावा लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी मोनू के पिता अजय मिश्रा को मंत्री पद से हटाने और उनकी गिरफ्तारी करने की मांग कर रहे हैं. अपनी इन मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिख चुका है. 


बता दें कि करीब दस दिन पहले पीएम मोदी कृषि कानूनों की वापसी का एलान किया था. जिसके बाद किसान संगठनों ने कहा था कि संसद से बिल वापसी की प्रक्रिया पूरी होने तक हमलोग इंतजार करेंगे. कृषि कानून वापसी के एलान के साथ ही पीएम मोदी एमएसपी कानून के लिए कमिटी बनाने की बात कह चुके हैं लेकिन किसान संगठन केवल एलान से मानने को तैयार नहीं हैं.


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