Farm Laws Repeal: कृषि कानूनों को निरस्त करने के फैसले पर पी चिदंबरम ने कसा तंज, बोले- चुनाव के डर से प्रेरित है फैसला
Farm Laws Repeal: केंद्र की मोदी सरकार ने भले ही तीन कृषि कानूनों को रद्द करने का एलान कर दिया है. लेकिन मोदी सरकार को लेकर किसानों की नाराजगी कम नहीं हुई है.
Farm Laws Repeal: कृषि कानूनों के खिलाफ लगभग एक साल से प्रदर्शन कर रहे किसानों को बड़ी जीत मिली है. दरअसल आज गुरु पुर्णिमा के मौके पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान कर दिया है. पीएम मोदी ने आज देश के नाम संबोधन में कहा कि हमारी सरकार ने तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का फैसला किया है.
वहीं केंद्र के इस फैसले के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, "लोकतांत्रिक विरोध से जो हासिल नहीं किया जा सकता वह आसन्न चुनावों के डर से हासिल किया जा सकता है! तीन कृषि कानूनों को वापस लेने पर पीएम की घोषणा नीति परिवर्तन या हृदय परिवर्तन से प्रेरित नहीं है. यह चुनाव के डर से प्रेरित है.
What cannot be achieved by democratic protests can be achieved by the fear of impending elections!
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 19, 2021
PM’s announcement on the withdrawal of the three farm laws is not inspired by a change of policy or a change of heart. It is impelled by fear of elections!
इसके अलावा उन्होंने अपने एक और ट्वीट में कहा, "केंद्र का यह फैसला किसानों और कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी जीत है जो कृषि कानूनों के विरोध में पिछले एक साल से अडिग थी"
Anyway, it is a great victory for the farmers and for the Congress party which was unwavering in its opposition to the farm laws
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 19, 2021
तीन कृषि कानूनों को रद्द करने का एलान
वहीं दूसरी तरफ केंद्र की मोदी सरकार ने भले ही तीन कृषि कानूनों को रद्द करने का एलान कर दिया है. लेकिन, मोदी सरकार को लेकर किसानों की नाराजगी कम नहीं हुई है. आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानून के खिलाफ चली लड़ाई में हुई 700 किसानों की मौत के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ कर दिया है कि उनकी जब तक उनकी सभी मांगें नहीं मानी जाती हैं तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगी.
ये भी पढ़ें:
Punjab Election 2022: अमरिंदर सिंह का बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना तय, इस तरह हो सकता है समझौता