नई दिल्लीः संसद में आज का दिन ऐतिहासिक रहा क्योंकि संसद के दोनों सदनों ने विवादित कृषि कानूनों को वापस ले लिया. दोनों सदनों में कानूनों को वापस लेने से जुड़ा बिल पारित हो गया. बिल को दोनों सदनों में ध्वनिमत से पारित किया गया. अब बिल पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद तीनों कृषि कानून निरस्त हो जाएंगे.


पहले लोकसभा में बिना चर्चा के पास हुआ बिल
बता दें कि बिल पहले लोकसभा में पेश हुआ. पेश होते ही विपक्षी सदस्यों ने बिल पर चर्चा की मांग की लेकिन टीएमसी और टीआरएस के सदस्यों के हो हंगामे के चलते स्पीकर ने बिल पर चर्चा कराने से मना करते हुए उसे पारित करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी. बिल बिना चर्चा और वोटिंग के ध्वनिमत से पारित हो गया. बिना चर्चा के बिल पारित करवाने पर विपक्षी दलों ने सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया.


2 बजे ही राज्यसभा में चर्चा के लिए लाए गए बिल पर नहीं हो सकी चर्चा
सरकार ने दलील दी कि कानून वापस लेने वाले बिलों पर ज़्यादातर चर्चा नहीं होती है और विपक्षी दल ही कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे थे. लोकसभा से पारित होने के बाद बिल को दोपहर 2 बजे ही राज्यसभा में भी चर्चा के लिए ले आया गया. राज्यसभा में भी बिल पर चर्चा की मांग की गई लेकिन राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ही अपनी बात रख सके. सदन में हल्ला और हंगामा के बीच बिल को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.


सरकार ने सुबह ही दे दिया था संकेत
सरकार ने सुबह से ही संकेत दे दिया था कि वो आज ही दोनों सदनों से इस बिल को आज ही पारित करवा लेना चाहती है. सुबह में लोकसभा स्पीकर की अध्यक्षता में हुई लोकसभा बीएसी की बैठक में सरकार ने साफ कह दिया था कि चूंकि पीएम पहले ही क़ानून वापस लेने की घोषणा कर चुके और विपक्षी दल पहले से ही क़ानून वापस लेने की मांग कर रहे थे लिहाज़ा चर्चा की ज़रूरत नहीं है.


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